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क्या होता अगर विमान मार गिराता पाकिस्तान? DGCA बोला- दोनों पायलट नहीं उड़ाएंगे प्लेन

21 मई 2025 को दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो फ्लाइट 6E-2142 को पठानकोट के पास भीषण तूफान और ओलावृष्टि का सामना करना पड़ा. इस दौरान विमान में सवार 227 यात्रियों ने भयानक टर्बुलेंस का अनुभव किया. पायलटों ने तूफान से बचने के लिए लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मांगी लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया.

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  • Last Updated: May 24, 2025 19:35:11 IST

Delhi-Srinagar Indigo Flight: 21 मई 2025 को दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो फ्लाइट 6E-2142 को पठानकोट के पास भीषण तूफान और ओलावृष्टि का सामना करना पड़ा. इस दौरान विमान में सवार 227 यात्रियों ने भयानक टर्बुलेंस का अनुभव किया. पायलटों ने तूफान से बचने के लिए लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मांगी लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया. यह एक भयावह अनुभव था. मुझे लगा कि मेरी जिंदगी खत्म हो गई. तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद सागरिका घोष ने कहा जो इस फ्लाइट में सवार थीं. आखिरकार पायलटों ने विमान को श्रीनगर में सुरक्षित उतार लिया लेकिन विमान का नोज रडोम (नाक का हिस्सा) क्षतिग्रस्त हो गया. अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने दोनों पायलटों को जांच पूरी होने तक उड़ान भरने से रोक दिया है.

क्या होता अगर विमान मार गिराया जाता?

पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) के बाद से पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर रखा है. इस फ्लाइट के पायलटों ने खराब मौसम से बचने के लिए लाहौर ATC से हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मांगी थी लेकिन पाकिस्तान ने इसे ठुकरा दिया. पाकिस्तान का यह रवैया अमानवीय था. आपात स्थिति में भी अनुमति न देना गंभीर सवाल उठाता है. एविएशन विशेषज्ञ संजय लाजर ने कहा. यदि पाकिस्तान ने इस विमान को निशाना बनाया होता तो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत मुकदमा चलाना जटिल हो सकता था क्योंकि NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) के तहत पाकिस्तान ने पहले ही भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित कर रखा था. ऐसी स्थिति में भारत-पाक तनाव और बढ़ सकता था जिससे कूटनीतिक और सैन्य संकट की आशंका थी.

पायलटों के फैसले पर सवाल

DGCA ने इस घटना की गहन जांच शुरू की है और दोनों पायलटों को जांच पूरी होने तक उड़ान से निलंबित कर दिया है. जांच के प्रमुख बिंदु हैं.
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DGCA के अनुसार विमान 36,000 फीट की ऊंचाई पर था जब वह पठानकोट के पास तूफान और ओलावृष्टि में फंस गया. पायलटों ने पहले भारतीय वायुसेना (IAF) के उत्तरी नियंत्रण से मार्ग बदलने की अनुमति मांगी जो अस्वीकार कर दी गई. इसके बाद लाहौर ATC से भी अनुमति नहीं मिली. पायलटों ने तूफान में उड़ान भरने का जोखिम लिया, जो जोखिम भरा था. DGCA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा.

तकनीकी खामियां और आपात स्थिति

तूफान के दौरान विमान में कई तकनीकी चेतावनियां सामने आईं, जैसे एंगल ऑफ अटैक फॉल्ट, ऑल्टरनेट लॉ प्रोटेक्शन लॉस और बैकअप स्पीड स्केल अनरिलायबल. विमान की गति में व्यापक उतार-चढ़ाव हुआ और एक समय यह 8,500 फीट प्रति मिनट की रफ्तार से नीचे आया. जो सामान्य 1,500-2,000 फीट प्रति मिनट से कहीं ज्यादा है. पायलटों ने मैन्युअल नियंत्रण संभाला और PAN PAN आपातकालीन कॉल के साथ श्रीनगर ATC से रडार वेक्टर मांगे. जिसके बाद सुरक्षित लैंडिंग संभव हुई.

TMC प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी

इस फ्लाइट में TMC के पांच सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, नदीमुल हक, सागरिका घोष, मानस भुनिया और ममता ठाकुर सवार थे. जो पुंछ में सीमा पार गोलीबारी से प्रभावित लोगों से मिलने जा रहे थे. पायलट को सलाम, जिन्होंने हमें सुरक्षित उतारा. लैंडिंग के बाद हमने देखा कि विमान की नाक पूरी तरह क्षतिग्रस्त थी. सागरिका घोष ने कहा. यात्रियों के बीच दहशत फैल गई थी जिसमें बच्चे रो रहे थे और लोग प्रार्थना कर रहे थे.

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