जयपुर: भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में सीएम का ऐलान कर दिया है। भजनलाल शर्मा को पार्टी ने प्रदेश की कमान सौंपी है। इसके साथ ही बीजेपी ने राजस्थान में 2 बार की सीएम रहीं वसुंधरा राजे (Why Vasundhara Raje Failed) को साइडलाइन कर दिया है। इस बार उन्हें कोई भी पद नहीं मिला है। खबरें आ रही हैं कि बीजेपी नेतृत्व के साथ वसुंधरा राजे के रिश्तों में खटास आ गई है।

लंबे वक्त से सीएम पद की चर्चा

3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सीएम के चेहरे को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। कई बड़े नामों के सीएम बनने की चर्चा थी। पर बीजेपी ने तीनों ही राज्यों में नए नामों को सामने लाकर सबको चौंका दिया। बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय और मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सीएम बनाया। इसके बाद राजस्थान में भी सबको चौंकाते हुए भजनलाल शर्मा को सीएम घोषित कर दिया।

वो फैक्टर जो वसुंधरा राजे पर पड़े भारी

अन्य राज्यों की ही तरह राजस्थान में सीएम पद के कई दावेदार थे। इसमें दो बार की सीएम रहीं वसुंधरा राजे का भी नाम था। वह पूरी मजबूती से अपना दावा ठोक रही थीं, लेकिन ये सब फेल हो गए। अब सवाल उठ रहा कि आखिर किन कारणों से बीजेपी को वसुंधरा राजे (Why Vasundhara Raje Failed) को साइडलाइन कर दिया। आइए इन 6 बातों से समझने की कोशिश करते हैं।

  • राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ वसुंधरा राजे के अच्छे संबंधों के कारण अकसर उनका नाम उछलता रहा है। कई बार वे दोनों एक दूसरे का बचाव करते देखे गए हैं।
  • बीजेपी ने इस बार अपनी ओर से कराए गए सर्वे के आधार पर टिकट बंटवारा किया, जिसमें वसुंधरा राजे के करीबियों को टिकट नहीं मिला।
  • राजस्थान बीजेपी में सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से संगठन पर वसुंधरा राजे की पकड़ कमजोर हो चुकी थी।
  • बीजेपी के नेतृत्व के साथ वसुंधरा राजे के रिश्ते भी लंबे समय से सही नहीं चल रहे थे।
  • वसुंधरा राजे को आरएसएस की पहली पसंद के तौर पर ही सीएम बनाया गया था। लेकिन कुछ सालों से संघ के साथ भी उनके संबंध सही नहीं चल रहे थे।
  • समय के साथ पूर्व सीएम की जनता के बीच लोकप्रियता भी कम हो गई थी।

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