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एयर इंडिया पर क्यों लगाया गया 99 लाख रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है कारण?

नई दिल्ली: पायलट रोस्टरिंग में चूक एयर इंडिया को महंगी पड़ी और विमानन सुरक्षा नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन और उसके दो निदेशकों पर कुल 99 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

Air India fine
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  • Last Updated: August 24, 2024 01:31:39 IST

नई दिल्ली: पायलट रोस्टरिंग में चूक एयर इंडिया को महंगी पड़ी और विमानन सुरक्षा नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन और उसके दो निदेशकों पर कुल 99 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

डीजीसीए ने क्या कहा?

वहीं डीजीसीए ने कहा कि मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड ने एक गैर-प्रशिक्षक लाइन कैप्टन और एक गैर-लाइन-रिलीज़ प्रथम अधिकारी के साथ मिलकर एक उड़ान का संचालन किया, जिसे नियामक ने महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रभाव वाली एक गंभीर शेड्यूलिंग घटना के रूप में देखा है. यह घटना जुलाई महीने में एयर इंडिया द्वारा प्रस्तुत एक स्वैच्छिक रिपोर्ट के जरिए नियामक के संज्ञान में आई.

रोस्टरिंग में बदलाव

यह घटना जुलाई में मुंबई-रियाद उड़ान से संबंधित है जिसे एक प्रशिक्षु पायलट के साथ एक प्रशिक्षण कप्तान द्वारा संचालित किया जाना था. वहीं उड़ान संचालन के लिए निर्धारित प्रशिक्षण कप्तान के बीमार होने के कारण रोस्टरिंग में बदलाव करना पड़ा. हालांकि किसी अन्य ट्रेनिंग कैप्टन की जगह एक नियमित पायलट को तैनात किया गया था. मानदंडों के अनुसार उड़ान संचालित करते समय प्रशिक्षु पायलटों को प्रशिक्षण कप्तानों के साथ जोड़ा जाना आवश्यक है. उन्हें ऐसे पायलट के साथ नहीं जोड़ा जा सकता जो नामित प्रशिक्षण कप्तान नहीं है.

जानकार सूत्रों के अनुसार उड़ान का संचालन करने वाले दोनों पायलटों को उड़ान के दौरान शेड्यूलिंग गड़बड़ी का एहसास हुआ, जिसके बाद उन्होंने एयरलाइन के पास एक रिपोर्ट दर्ज की, जिसने फिर डीजीसीए को घटना की सूचना दी.

व्यापक जांच

इस घटना का संज्ञान लेते हुए नियामक ने मेसर्स एयर इंडिया लिमिटेड के संचालन में व्यापक जांच की, जिसमें दस्तावेजों की जांच और मेसर्स एयर इंडिया लिमिटेड शेड्यूलिंग सुविधा की स्पॉट जांच भी शामिल थी. जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पता चला कि कई पद धारकों और कर्मचारियों द्वारा नियामक प्रावधानों में कमियां और कई उल्लंघन हैं, जो सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं.

सावधानी बरतने की चेतावनी

वहीं डीजीसीए ने 22 जुलाई को एयर इंडिया के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन जवाब घटना का “संतोषजनक औचित्य” प्रदान करने में विफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप नियामक द्वारा प्रवर्तन कार्रवाई की गई. वहीं राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नियामक (डीजीसीए) ने मेसर्स एयर इंडिया पर 99 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही संबंधित पायलट को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है.

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