नई दिल्ली: भीम आर्मी चीफ और नगीना सांसद चन्द्रशेखर आजाद ने अयोध्या के सहनवा गांव में दलित लड़की से रेप को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार और उनकी कानून व्यवस्था पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वह निर्दोष हैं… उन्होंने निर्भया और हाथरस में हुई दुष्कर्म की घटनाओं पर भी नाराजगी जताई और कहा कि यह उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था है जिसने दलित बेटी को तीन दिन तक संज्ञान में नहीं लिया और रखा उसका मजाक उड़ाया जा रहा है. कानून व्यवस्था बनाई. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बेशर्म सीएम से कोई उम्मीद नहीं है.

…मगर शर्म उन्हें नहीं आती

अयोध्या में दलित लड़की से रेप को लेकर नगीना सांसद चन्द्रशेखर आजाद ने कहा है कि रेप की शिकार लड़की की आंखें फटी हुई थीं, एक पैर भी टूटा हुआ था, शरीर से खून बह रहा था. परिजनों ने बताया कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया है.वह जिस हालत में थी उसे देखकर तो यही लगता है कि यह बेटी नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था है, जो ऐसी हालत में है कि उसे देखकर जानवर भी शरमा जाएं, लेकिन इस मामले में सरकार ने जो किया शर्म नहीं आती.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री यह आसानी से कह सकते हैं कि पार्टी के अन्य कार्यकर्ता भी इसमें भाग लेंगे. सीएम योगी ये नहीं बता रहे हैं कि ये सरकार की कितनी बड़ी नाकामी है कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करना चाहता हूं कि उन्होंने कहा था कि दलितों को मत मारो, मुझे मारो.

तीन दिन तक संज्ञान नहीं लिया

प्रधानमंत्री जी, आज अयोध्या की बेटी के साथ हुए अन्याय का जवाब दीजिए, क्या आज बेटियों की अस्मिता सुरक्षित है। यहां हर कोई परिवार है. इसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या बेटियों पर ऐसे ही अत्याचार होते रहेंगे. क्या सरकार सिर्फ चुनावी भाषण देती रहेगी? नगीना सांसद ने कहा कि उनकी बेटी के मामले में तीन दिन तक संज्ञान नहीं लिया गया, क्या उन अधिकारियों को बख्शा जाएगा या उन्हें सजा मिलेगी?

रामलाल अयोध्या में रहते हैं और हर चीज पर नजर रखते हैं. अगर उनकी मौजूदगी में और पूरे विधि-विधान के साथ इतनी बड़ी घटना घट जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? कोई भी अच्छा काम होता है तो उसकी जिम्मेदारी बाबा ही लेते हैं और जब इतना बड़ा अपराध हो जाए तो क्या यह कहकर टाल दिया जाएगा कि कड़ी कार्रवाई की जाएगी. क्या उस बेटी को वापस लाया जा सकता है? क्या उसके सम्मान की रक्षा की जा सकती है? क्या सीएम योगी उनकी बेटी के परिवार से नजरें मिला कर उन्हें जवाब दे सकते हैं? मुझे बेशर्म मुख्यमंत्री से कोई उम्मीद नहीं है.

लाशें छिपाने में माहिर

चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि मैं अच्छी तरह जानता हूं कि सीएम योगी हिसाब-किताब करना अच्छे से जानते हैं. वे लाशों को छिपाना जानते हैं. हमने हाथरस में और कुंभ में भी देखा कि वह लाशें छुपाने में माहिर हैं, जब तक सीएम योगी सत्ता में हैं… अभी बहुत कुछ देखना बाकी है।’ न जाने कितनी बेटियों की कुर्बानी देनी पड़ेगी.पहले दलितों की स्थिति पर चर्चा होती थी, लेकिन अब कोई चर्चा नहीं होती. भीम आर्मी ने कहा कि वह लोकसभा सांसद ओम बिरला से मुलाकात कर इस पर चर्चा करेंगे. महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं, खासकर कमजोर वर्ग की महिलाओं के खिलाफ। बच्चे मारे जा रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में कोई पूछने वाला नहीं है.

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