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यूपी 2017: रालोद ने रेल बजट को बताया जनता के साथ धोखा

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु द्वारा संसद में पेश किए गए रेल बजट को निराशाजनक बताया है. पार्टी ने कहा कि बजट में उत्तर प्रदेश के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के हिस्से में न तो कोई नई रेलगाड़ी आई और न ही पहले से चल रही साप्ताहिक गाड़ियों का कोई फेरा बढ़ाया गया. यह प्रदेश की जनता के साथ धोखा है.

रेल बजट, rail budget
inkhbar News
  • Last Updated: February 26, 2016 02:42:00 IST
लखनऊ. राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु द्वारा संसद में पेश किए गए रेल बजट को निराशाजनक बताया है. पार्टी ने कहा कि बजट में उत्तर प्रदेश के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के हिस्से में न तो कोई नई रेलगाड़ी आई और न ही पहले से चल रही साप्ताहिक गाड़ियों का कोई फेरा बढ़ाया गया. यह प्रदेश की जनता के साथ धोखा है. 
 
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने रेल बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रेल बजट से यूपी की जनता के साथ धोखा है. यह बजट पुरानी रटी-रटाई बातों का संकलन है और जनता को धोखा देने वाला है, इसके जरिए जनता की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिर गया है. 
 
उन्होंने कहा कि प्रभु के बजट में उप्र के लिए कोई स्थान नहीं है और यात्रियों की सुविधाओं के लिए भी कोई नई पहल नहीं की गई है, जिससे जनता को निराशा ही हाथ लगी है. बजट में रेलवे स्टेशनों पर वाई फाई की बात तो की गई, लेकिन आम यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने और स्वच्छता और सुरक्षा की कोई बात नहीं की गई है. 
 
स्टेशनों पर स्थानीय लोगों को ठेका उपलब्ध कराने की बात तो की गई है, लेकिन स्टेशनों पर स्टॉलों पर बिकने वाले खाद्य पदार्थो की शुद्धता व गुणवत्ता के लिए कोई कार्य योजना नहीं है. बजट व्यवसायिक द्रष्टिकोण से बनाया गया है न कि जनता की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए. 
 
चौहान ने कहा कि बजट में कुछ नया नहीं है, सिर्फ पुरानी बातें दोहराई गई हैं और जनता को गुमराह किया गया है. प्रभु ने रेल बजट में वर्ष 2020 तक प्रत्येक यात्री को कन्फर्म टिकट दिलाने की हवा-हवाई बात कही, लेकिन वर्तमान में ट्रोनों का समय पर परिचालन सुनिश्चित करने की ओर उनका ध्यान नहीं है.
 
उन्होंने कहा कि बजट में पीपीपी मॉडल पर 400 रेलवे स्टेशनों के पुनविर्कास करने की बात जो बात कही गई है, वह सिर्फ कारपोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए रास्ता निकाला गया है.

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