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इस शुभ मुहर्त में ही करें रावण दहण तभी दूर होगा क्रोध और बुराई

बुराई पर अच्छी की जीत का प्रतीक है रावण दहण कर के मनाते है. विजयदशमीपर्व पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के साथ लंका दहन किया जाता है. इस बार दशहरा मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016 को मनाया जाएगा. इस दिन दशमी तिथि सूर्योदय से लेकर रात्रि 10 बजकर 29 मिनट तक है. रात्रि 8.00 बजे तक श्रवण नक्षत्र भी है.

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  • Last Updated: October 10, 2016 13:06:00 IST
नई दिल्ली. बुराई पर अच्छी की जीत का प्रतीक है लंका दहण कर के मनाते है. विजयदशमीपर्व पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के साथ लंका दहन किया जाता है. इस बार दशहरा मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016 को मनाया जाएगा. इस दिन दशमी तिथि सूर्योदय से लेकर रात्रि 10 बजकर 29 मिनट तक है. रात्रि 8.00 बजे तक श्रवण नक्षत्र भी है.
 
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दशहरा भारत में प्रसिद्ध त्योहार है, जो शारदीय नवरात्रि के 9 दिन बाद 10 वें दिन मनाया जाता है. दशहरा पर्व ‘विजयादशमी’ के नाम से भी मनाया जाता है. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का है. भगवान राम की दशानन रावण पर विजय के उपलक्ष्य में दशहरे का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है.
 
संस्कृत भाषा में ‘दशहरा’ का अर्थ है कि 10 बुराइयों को दूर करें, जबकि विजयादशमी का अर्थ विजया(विजय) दशमी (10दिन) है. इस दिन शस्त्र पूजा की जाती है. दशहरे को अहंकार, काम क्रोध और बुराइयों को दूर कर शांति और अच्छे व्यवहार को अपनाने का संकल्प दिवस भी मान सकते हैं.
 
विजय मुहूर्त : 11.59 से 12.23 तक. शुभ कार्य हेतु यह समय उत्तम है. कुल समय 24 मिनट का है. इसमें विजय हेतु प्रस्थान करना शुभ होगा. यह समय अस्त्र-शस्त्र पूजन हेतु उत्तम है.
 
पूजा का समय : 
12.11 से 13.34 तक लाभ का चौघड़िया, 
13.34 से 14.57 तक अमृत का चौघड़िया  

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