भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में घोषित मौद्रिक नीति में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की महत्वपूर्ण कटौती की गई है, जिससे यह घटकर 5.50 प्रतिशत हो गया है। इस फैसले के बाद देश के कई प्रमुख बैंकों ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में बदलाव किया है। इनमें से 5 बड़े भारतीय बैंकों ने एफडी की ब्याज दरों में स्पष्ट रूप से कटौती की है, जिससे नए और मौजूदा जमाकर्ताओं दोनों पर प्रभाव पड़ेगा। यह कदम उधारी की लागत में कमी के साथ ब्याज दरों को संतुलित करने की दिशा में उठाया गया है और यह बैंकिंग क्षेत्र में घटती ब्याज दरों की व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाता है। एफडी पर ब्याज दरों में इस कमी से उन निवेशकों की बचत योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं, जो सुनिश्चित रिटर्न के लिए फिक्स्ड इनकम विकल्पों पर निर्भर रहते हैं.