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क्या फिर साथ आएंगे मायावती-अखिलेश, सांसद ने दिए गठबंधन के संकेत

समाजवादी पार्टी के गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद अफजाल अंसारी ने सपा और बसपा को साथ आने की बात कही है. उनका मानना है कि यदि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां एक साथ आती हैं तो दोनों पार्टियों को इसका फायदा होगा. और सत्ता में बैठी बीजेपी को निकालना आसान हो जाएगा. सपा-बसपा […]

समाजवादी पार्टी के गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद अफजाल अंसारी ने सपा और बसपा को साथ आने की बात कही है. उनका मानना है कि यदि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां एक साथ आती हैं तो दोनों पार्टियों को इसका फायदा होगा. और सत्ता में बैठी बीजेपी को निकालना आसान हो जाएगा.
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  • Last Updated: June 17, 2024 18:05:53 IST
समाजवादी पार्टी के गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद अफजाल अंसारी ने सपा और बसपा को साथ आने की बात कही है. उनका मानना है कि यदि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां एक साथ आती हैं तो दोनों पार्टियों को इसका फायदा होगा. और सत्ता में बैठी बीजेपी को निकालना आसान हो जाएगा.

सपा-बसपा के साथ आने से अफजाल को फायदा

दरअसल अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी और बसपा पार्टी को साथ लाने के लिए इसलिए जोर दे रहे हैं क्योंकि वो इस बार के लोकसभा चुनाव में दलित वोटों के सहारे बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. उन्हें इस बार में अखिलेश के पीडीए नारा के तहत गाजीपुर जिले की कई दलित बस्तियों का 85 प्रतिशत तक वोट मिला है. दलित बस्तियों का औसतन वोट जो अफजाल अंसारी को मिला वो 50 प्रतिशत के आस-पास है.  इसलिए उनका मानना है कि यदि सपा और बसपा का गठबंधन हुआ तो दलित वोटों में कोई अन्य पार्टी सेंध नही लगा पाएगी. और गठबंधन के प्रत्याशी को ही सारा वोट मिलेगा.

2019 में बसपा से लड़ा था चनाव

अफजाल अंसारी लंबे समय से बसपा के साथ जुड़े रहे हैं, उनकी पैठ दलित समाज में गहरी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में जब उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा का गठबंधन था, तब उन्हें बसपा के सिंबल पर मैदान में उतारा गया था. उस समय सारा दलित वोट उनकी झोली में गया. अब वो दोबारा यही विधानसभा चुनाव में देखना चाहते है. अफजाल अंसारी अब बसपा सुप्रीमों मायावती पर भी मुखर होकर बोलते हैं. वो कहते हैं कि यदि बसपा का आलाकमान दलित समाज की समस्याएं नही सुनेगा तो दलित समाज उन्हें छोड़कर किसी और की तरफ देखने लगेगा.