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नोटबंदी को लेकर PM मोदी पर राज ठाकरे ने साधा निशाना, उद्धव भी नहीं रहे पीछे

कालेधन को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बैन करने के फैसले का ठाकरे भाईयों ने कड़ा विरोध किया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे नोट बैन के मुद्दे पर साथ आए हैं.

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  • Last Updated: November 19, 2016 12:49:27 IST
मुंबई. कालेधन को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बैन करने के फैसले का ठाकरे भाईयों ने कड़ा विरोध किया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे नोट बैन के मुद्दे पर साथ आए हैं. शिवसेना ने जहां अपने मुखपत्र सामना में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान का समर्थन किया है तो वहीं राज ठाकरे ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा है.
 
राज ठाकरे ने कहा कि पीएम मोदी सुबह गोवा में काले धन के मुद्दे पर भावुक भाषण देते हैं और वही पीएम शाम को शरद पवार की तारीफ करते दिखाई देते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कालेधन पर लगाम लगाने के लिए नोट बैन किए और वहीं जनार्दन रेड्डी अपनी बेटी की शादी में 500 करोड़ रुपये खर्च कर देते हैं.
 
सामना ने किया आजाद का समर्थन
शिवसेना के मुखपत्र सामना ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के उस भाषण का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने नोट बैन की तुलना उरी हमले से की थी. आजाद ने नोटबंदी की तुलना उरी हमले से करते हुए कहा था कि इतने लोग तो उरी आतंकी हमले में भी शहीद नहीं हुए जितने सरकार के इस फैसले से मारे गए हैं. आजाद के इस बयान के बाद बीजेपी भड़क गई थी और इस बयान पर माफी मांगने की मांग की थी.
 
सामना में छपे संपादकीय में यही सवाल किया गया है कि इस बयान के लिए आजाद क्यों माफी मांगे. संपादकीय में लिखा है कि आजाद के माफी मांगने से क्या सच्चाई बदल जाएगी, जहां उरी हमले में 20 जवान शहीद हुए थे तो वहीं केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद पुराने नोट बैंक में जमा और बदलने के लिए लाइन में लगे लोगों में से 40 लोगों की मौत हुई है.
 
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के बाद से पुराने नोटों को बदलने और जमा करवाने के लिए बैंक के सामने 10 नवंबर से ही लोगों की लंबी लाइन लगी हुई है. आए दिन लोगों के मरने की खबर सामने आ रही है. ना सिर्फ लाइन में लगे लोगों की मौत की खबर आ रही है बल्कि बैंक के कर्मचारियों के भी मरने का सिलसिला जारी है. रिपोर्ट्स है कि नोटबंदी के फैसले के बाद से अब तक लगभग 44 लोगों की मौत हो चुकी है, यह आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है.

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