Inkhabar
  • होम
  • राजनीति
  • मुलायम ने बुलाया 5 जनवरी को सपा का अधिवेशन, अमर सिंह ने पकड़ी लंदन से दिल्ली की फ्लाइट

मुलायम ने बुलाया 5 जनवरी को सपा का अधिवेशन, अमर सिंह ने पकड़ी लंदन से दिल्ली की फ्लाइट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अंदर चल रहा सियासी ड्रामे में नए-नए मोड़ सामने आ रहे हैं. InKhabar को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक अब मुलायम सिंह यादव ने 5 जनवरी को सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है. वहीं अमर सिंह भी लंदन से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि वह दिल्ली में पहुंच कर सबसे पहले अमर सिंह से मुलाकात करेंगे.

Akhilesh Yadav, Mulayam Singh Yadav, Samajwadi Party, Shivpal Yadav, Ram Gopal Yadav, UP Election 2017,UP Polls
inkhbar News
  • Last Updated: January 1, 2017 08:41:03 IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अंदर चल रहा सियासी ड्रामे में नए-नए मोड़ सामने आ रहे हैं. InKhabar को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक अब मुलायम सिंह यादव ने 5 जनवरी को सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है.
इतना ही नहीं वह देर-सबेर एक बार फिर से यूपी के सीएम अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को पार्टी से निकालने का ऐलान कर सकते हैं. उन्होंने रविवार की सुबह ही रामगोपाल की ओर से बुुलाए गए अधिवेशन को असंवैधानिक करार दिया है.
वहीं अमर सिंह भी लंदन से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि वह दिल्ली में पहुंच कर सबसे पहले मुलायम से से मुलाकात करेंगे.
कुल मिलाकर इतना साफ है कि समावादी पार्टी में चल रही लड़ाई में अभी कुछ भी आखिरी नहीं है.  देखने वाली बात यह होगी कि मुलायम सिंह यादव जो अधिवेशन बुलाते हैं उसमें कितने लोग पहुंचते हैं और मुलायम उसमें क्या ऐलान करने वाले हैं.
गौरतलब है कि रविवार को रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी का राष्टीय अध्यक्ष बना दिया गया है इसके साथ ही शिवपाल से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छीन ली गई और अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया है.
25 सालों के इतिहास में शायद ही समाजवादी पार्टी में कभी इस तरह का संकट आया हो. लेकिन यह संकट ऐसा है कि जिसको थामना अब किसी के बूते की बात नहीं रह गई है.
अब दो ही रास्ते बचे हैं जिसमें पहला यह है कि मुलायम सिंह यादव और शिवपाल पूरी तरह से सरेंडर  कर दें या फिर अखिलेश सहित उनके समर्थकों को पार्टी से बाहर निकालने का ऐलान कर दें. दूसरा रास्ता निश्चित तौर पर कठिन होगा है क्योंकि इसमें पार्टी का टूट जाना तय है.

Tags