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सपा की ‘साइकिल’ को लेकर मुलायम और अखिलेश में जंग, EC ने मांगा जवाब

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे समाजवादी पार्टी में जारी घमासान कम होने की बजाए लगातार बढ़ता ही जा रहा है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भी सपा परिवार में कलह कम होता नहीं दिख रहा है.

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  • Last Updated: January 5, 2017 04:40:41 IST
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे समाजवादी पार्टी में जारी घमासान कम होने की बजाए लगातार बढ़ता ही जा रहा है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भी सपा परिवार में कलह कम होता नहीं दिख रहा है.
 
अखिलेश ने बुलाई बैठक
आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुबह 10 बजे अपने आधिकारिक आवास 5 कालीदास मार्ग पर मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस मीटिंग में चुनाव से संबंधित रणनीति पर बात की जाएगी.
 
साइकिल पर जारी है जंग
वहीं पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल को लेकर भी अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के गुटों के बीच झगड़ा जारी है. दोनों ही गुट एक-एक बार साइकिल पर दावा जताने के लिए चुनाव आयोग से मिल चुके हैं. 
 
EC ने मांगा जवाब
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर दोनों ही गुटों से जवाब मांगा है. इसके लिए आयोग ने दोनों गुटों को 9 जनवरी तक का समय दिया है. आयोग ने अखिलेश और मुलायम के गुटों से समर्थन का हलफनामा दायर करने को कहा है.
 
चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव से 9 जनवरी तक पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावे पर दाखिल एक-दूसरे की याचिकाओं पर जवाब देने के लिए कहा है.

 
अमर सिंह ने चुनाव आयोग को सौंपे दस्तावेज
मुलायम सिंह के समर्थक अमर सिंह ने मुलायम की तरफ से कुछ दस्तावेज आयोग को सौंपे हैं, जिनमें मुलायम ने 1 जनवरी को रामगोपाल यादव की तरफ से बुलाए गए पार्टी के अधिवेशन को लिखित रूप से असंवैधानिक बताया गया है.
 
दस्तावेज में लिखा गया है कि रामगोपाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लिखित तौर पर पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था, जबकि पार्टी में उनकी वापसी की खबरें महज अफवाह थी.
 
पार्टी के 40 फीसदी सदस्यों की मर्जी से अधिवेशन बुलाने का अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को होता है, और उसे पार्टी से किसी को भी निकालने का भी पूरा हक होता है. ये सारी बातें आयोग को सौंपे गए दस्तावेजों में लिखी गई है.
 
आजम खान कराना चाहते हैं सुलह
दो टुक़ड़ों में बंट चुकी समाजवादी पार्टी में सुलह कराने का जिम्मा आजम खान ने ले लिया है. पहले भी मुलायम और अखिलेश की बैठक आजम खान ने कराई थी और बुधवार को भी मुलायम के घर चली बैठक में आजम खान मौजूद थे. आजम खान ने दोनों पक्षों से अपील की है कि जल्द से जल्द झगड़ा सुलझा लिया जाए और एक होकर चुनाव लड़ा जाए.
 
बता दें कि बहुमत के दम पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं, जिसके बाद से ही अखिलेश और मुलायम के गुटों के बीच चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर दावा जताया जा रहा है.
 
 
एक जनवरी को सपा के अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक. वहीं अखिलेश यादव में सपा में चल रही उथल-पुथल की जड़ अमर सिंह को मानते हुए पार्टी से निकाल दिया था और शिवपाल को भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था.
 
जिसके बाद मुलायम सिंह ने अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा था कि रविवार को रामगोपाल की ओर से बुलाए गया अधिवेशन को पूरी तरह से असंवैधानिक था, मुलायम ने रामगोपाल को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया, साथ ही अधिवेशन में शामिल पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से निकाल दिया गया. 

 

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