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हवाला कांड में फंसे सत्येंद्र जैन पर अब चुनाव आयोग से भी झूठ बोलने का आरोप

नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बड़ी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. अभी तक उन पर हवाला के जरिए कालेधन को सफेद करने का ही आरोप है. वहीं मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक सत्येंद्र जैन ने चुनाव आयोग को भी कई जानकारियां नही दी हैं. दैनिक जागरण में […]

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  • Last Updated: January 8, 2017 06:11:44 IST

नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बड़ी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. अभी तक उन पर हवाला के जरिए कालेधन को सफेद करने का ही आरोप है.
वहीं मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक सत्येंद्र जैन ने चुनाव आयोग को भी कई जानकारियां नही दी हैं. दैनिक जागरण में छपी खबर के मुताबिक उन्होंने उन कंपनियों का खुलासा आयोग के सामने नहीं किया जिनमें उनकी पत्नी पूनम जैन की बड़ी हिस्सेदारी है.
अभी  तक दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पर आयकर विभाग से ही अपनी इनकम छुपाने का आरोप लगा था लेकिन अब इस बात का खुलासा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने भी बड़ा संकट खड़ा होता दिख रहा है.  

जैन ने आयकर और चुनाव को दी अलग-अलग जानकारी ?
अखबार में छपी खबर के मुताबिक सत्येंद्र जैन ने जिस साल इनकम टैक्स विभाग को 5.82 लाख रुपए के घाटे की जानकारी दी उसी  साल उन्होंने चुनाव आयोग को बताया था कि दिल्ली में उन्होंने 96 लाख रुपए में डेढ़ एकड़ जमीन खरीदी है.
इतना ही नहीं उन्होंने आयकर विभाग को बताया कि उनकी पत्नी की सलाना आय 5 लाख रुपए से भी कम है जबकि चुनाव आयोग में दी गई जानकारी में 20 लाख रुपए उनसे लोन लेने का भी दावा कर डाला.
आपको बता दें कि सत्येंद्र जैन 2013 और 2015 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में उन्होंने एक बार भी नहीं बताया कि उनकी पत्नी पूनम जैन की कितनी हिस्सेदारी  अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड और इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड में है.
इन कंपनियों पर हवाला और दिल्ली में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदने का आरोप है. जैन ने सिर्फ इतनी जानकारी दी थी कि उनके पास कुछ प्राइवेट लिमिटेड और लिस्टेड कंपनियों के शेयर हैं. लेकिन कंपनियों के नाम नहीं बताए थे.
अचानक कैसे बढ़ गई जमीन की कीमत ?
जैन जब पहली बार 2013 में चुनाव लड़े थे उन्होंने चुनाव आयोग को जानकारी दी थी कि दिल्ली के पल्ला गांव में 1.6 एकड़ कृषि भूमि खरीदी है.
जिसकी कीमत 96 लाख रुपए बताई और पर किसी तरह का निर्माण या कोई दूसरा निवेश नहीं किया गया है. जब 4 महीने बाद फिर से चुनाव हुआ तो इस बार उन्होंने आयोग की दी जानकारी में इसकी कीमत 1.5 करोड़ रुपए बताई. सवाल इस बात पर उठता है कि आखिर इन चार महीनों में जमीन की कीमत में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कैसे बढ़ गई. 
खाते की भी जांच
आयकर विभाग ने सत्येंद्र जैन के आइडीबीआई बैंक खाते की जानकारी खंगाली तो उसमें विधानसभा चुनाव 2013 से पहले ही 1 करोड़ रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए थे. जिसमें 10 लाख रुपए की राशि 
आइडियल एस्टेट से मिले थे.
जब घाटा हुआ तो जमीन के पैसे कहां से आए
सत्येंद्र जैन ने 
जनवरी 2015 किए गए नामांकन में जानकारी दी थी कि 2013-14  में 5.82 लाख रुपये का घाटा हुआ ह तो फिर सवाल इस बात का है कि पल्ला गांव में 96 लाख रुपए की जमीन खरीदन के पैसे कहां से आ गए. 
‘चुनाव आए हैैं तो आरोप लगेंगे ही’
खुद को लेकर लग रहे आरोपों पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चुनाव के समय ऐसे आरोप लगते रहते हैैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि सारी जानकारी आयकर विभाग और चुनाव आयोग को दी जा चुकी है. ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं.

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