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मुलायम-अखिलेश की बैठक में निकला सुलह का फॉर्मूला, शिवपाल और अमर सिंह रह सकते हैं चुनाव से दूर

उत्तर प्रदेश चुनाव नजदीक आने के साथ ही यूपी के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे समाजवादी पार्टी में मचा घमासान सुलझता दिखाई दे रहा है. कई दिनों से चला आ रहा यह घमासान मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की पौने दो घंटे तक चली मुलाकात के बाद अब सुलह की ओर जाता दिख रहा है.

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  • Last Updated: January 10, 2017 09:17:35 IST
लखनऊ : उत्तर प्रदेश चुनाव नजदीक आने के साथ ही यूपी के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे समाजवादी पार्टी में मचा घमासान सुलझता दिखाई दे रहा है. कई दिनों से चला आ रहा यह घमासान  मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की पौने दो घंटे तक चली मुलाकात के बाद अब सुलह की ओर जाता दिख रहा है.
 
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि मंगलवार को लखनऊ में बाप-बेटे के बीच करीब पौने दो घंटे तक बातचीत हुई, जिसमें सुलह का फॉर्मूला निकाला गया. खबर है कि मुलायम सिंह यादव यूपी चुनाव से शिवपाल यादव और अमर सिंह को दूर रखने को तैयार हैं और अपनी तरफ से कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारने को भी तैयार हैं.
 
 
अध्यक्ष पद नहीं छोड़ना चाहते मुलायम
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि मुलायम चुनाव से संबंधित सारे अधिकार अखिलेश को देने के लिए तैयार तो हो गए हैं, लेकिन वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ना चाहते. वहीं अखिलेश ने मुलायम से तीन महीने के लिए अध्यक्ष का पद मांगा था.
 
मुलायम के अध्यक्ष पद पर बने रहने की मांग पर अखिलेश यादव तैयार नहीं हुए हैं, उनका कहना है कि वह चुनाव तक के लिए अध्यक्ष के पद पर बने रहना चाहते हैं. उनका कहना है कि अगर वह अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे तो अमर सिंह कोई भी फैसला ले सकते हैं.
 
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव के लिए फॉर्म ए और फॉर्म बी बांटने का अधिकार भी अखिलेश को दे दिया गया है और यह सारी बातें मुलायम चुनाव आयोग को लिखकर देने के लिए भी तैयार दिख रहे हैं.
 
 
इससे पहले भी कल चुनाव आयोग के सामने साइकिल पर दावा जताने के बाद मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश ही सूबे के अगले मुख्यमंत्री होंगे. इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘हमारी पार्टी में थोड़ा बहुत मतभेद है, ज्यादा नहीं है. एक ही आदमी है, जो मतभेद की कोशिश कर रहा है.’ उन्होंने कहा कि यह उनके और बेटे के बीच की बात है, जिसे वो ठीक कर देंगे.
 
 
बता दें कि समाजवादी पार्टी में उम्मीदवारों की लिस्ट पर शुरू हुआ घमासान पिता-पुत्र का झगड़ा बन चुकी है. पार्टी के दोनों ही धड़े पार्टी के नाम और चुनाव सिंबल पर अपना दावा ठोक रहे हैं. 
 

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