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बिधूड़ी की संसद सदस्यता रद्द हो… मांग करते हुए दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी के द्वारा संसद में दिए गए बयान के बाद बाहर सियासी माहौल गर्मा गया है. मामला अब तूल पकड़ने लगा है जहां बिधूड़ी ने चंद्रयान 3 की चर्चा के दौरान लोकसभा में सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजलक शब्दावली का प्रयोग किया था. अब […]

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  • Last Updated: September 22, 2023 18:22:22 IST

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी के द्वारा संसद में दिए गए बयान के बाद बाहर सियासी माहौल गर्मा गया है. मामला अब तूल पकड़ने लगा है जहां बिधूड़ी ने चंद्रयान 3 की चर्चा के दौरान लोकसभा में सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजलक शब्दावली का प्रयोग किया था. अब खबर सामने आ रही है कि लोकसभा स्पीकर को दानिश अली ने चिट्ठी लिखी गई है जिसमें उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है.

बीजेपी ने जारी किया नोटिस

वहीं भाजपा ने भी बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनके द्बारा संसद में आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करने पर जवाब मांगा है. साथ ही उनसे ये सवाल भी किया गया है कि आखिर उनपर कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए? बिधूड़ी को भारतीय जनता पार्टी के इस नोटिस पर अगले 15 दिन के भीतर पार्टी की अनुशासन समिति को जवाब देना होगा.

कांग्रेस ने भी की कार्रवाई की मांग

विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने भी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. जानकारी के अनुसार बिधूड़ी से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी बात की है और इस मामले को बड़ी ही गंभीरता से लेते हुए नाराजगी जताई है. इसके अलावा बिधूड़ी को चेतावनी भी दी गई है कि वह संसद की कार्रवाई के दौरान भाषा की मर्यादा का ध्यान रखें। तमाम विपक्षी दलों ने बिधूड़ी के इस बयान की आलोचना की है.

क्या बोले लालू प्रसाद?

इसके अलावा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी बिधूड़ी के इस बयान की आलोचना की है और कहा, ‘प्रधानमंत्री ने देश की समृद्ध संसदीय परंपराओं के विरुद्ध ऐसी विकृत सामाजिक राजनीतिक संस्कृति को जन्म दिया है . जिसमें इनकी एक सांसद राष्ट्रपिता गांधी जी के हत्यारे आतंकवादी का महिमा मंडन करती है. PM के इशारे पर एक बीजेपी सांसद पार्लियामेंट के अंदर विपक्ष के एक सांसद के लिए जिस अमर्यादित, असंसदीय और तुच्छ भाषा का प्रयोग कर रहा है वह घोर आपत्तिजनक, निंदनीय एवं लोकतंत्र व समाज के लिए चिंताजनक है. यह इनका अमृतकाल नहीं बल्कि विषकाल है.’