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हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर खौफ में भाजपा, नड्डा ने संभाली कमान

हिमाचल विधानसभा चुनाव: शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा नए प्रयोगों को करने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर नेताओं में बाग़ी तेवरों को नज़रअंदाज़ किए बगैर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावों की कमान संभालते हुए हिमाचल प्रदेश की ओर कूच कर लिया है। टिकट कटने को लेकर चिंतित नेताओं में […]

JP Nadda-Himachal Pradesh Election
inkhbar News
  • Last Updated: October 26, 2022 13:13:30 IST

हिमाचल विधानसभा चुनाव:

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा नए प्रयोगों को करने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर नेताओं में बाग़ी तेवरों को नज़रअंदाज़ किए बगैर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावों की कमान संभालते हुए हिमाचल प्रदेश की ओर कूच कर लिया है। टिकट कटने को लेकर चिंतित नेताओं में बग़ावत की लहर देखने को मिल रही है जहां एक ओर भाजपा सिटिंग और दागी नेताओं को टिकट देने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर हिमाचल चुनावों को लेकर इस नीति को भाजपा ने एक ओर रख दिया है।

भाजपा ने क्यों बदली नीति?

एक लंबे अरसे से देखा जा रहा है कि हिमाचल में सत्ता परिवर्तन आम है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी का हिमाचल चुनाव में आगमन ने चुनाव को रोचक बना दिया है, लेकिन भाजपा इन चुनावों को त्रिकोणीय मुकाबला न समझकर अपनी लड़ाई कांग्रेस के साथ ही मानकर चुनावों में उतरेगी, यदि राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ की बात को ध्यान में रखा जाए तो अरविंद केजरीवाल हिमाचल चुनावों में किसी भी प्रकार का प्रभाव नही छोड़ पाएंगे।

इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए भाजपा 42 मे से 32 सिटिंग विधायकों को टिकट देने के लिए तैयार है। कांग्रेस के साथ डायरेक्ट मुकाबला एवं हिमाचल में सत्ता परिवर्तन को देखते हुए भाजपा ने टिकट काटने वाली नीति को किनारे रखते हुए सत्ता को बरकरार रखने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है।

बग़ावत का खामियाजा, कट गया टिकट

भाजपा ने कुल्लू सीट पर महेश्वर सिंह का टिकट काटकर नरोत्तम ठाकुर को टिकट दिया है, महेश्वर सिंह के टिकट कटने का कारण स्वयं उनका पुत्र है। महेश्वर सिंह के पुत्र हितेश्वर सिंह बंजार सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर अड़ हुए थे, भाजपा ने महेश्वर सिंह को पहले ही सूचित कर दिया था कि यदि उनके पुत्र अपनी ज़िद पर अड़े रहे तो खामियाजे के तौर पर उनका टिकट काट दिया जाएगा और हुआ भी यही।

जेपी नड्डा नाराज़ नेताओंं को समझाने के लिए स्वयं हिमाचल जाकर सारी कवायदें कर रहे हैं। उन्हे स्नेह के साथ समझाने की कोशिशेें कर रहे हैं, लेकिन जो नेता समझने को तैयार नहीं है तो उसके साथ सख्त रवैया भी अपनाया जा रहा है।

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