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Donald Trump India Visit: सुनील दत्त की जैसी इस अमेरिकी राष्ट्रपति से दोस्ती थी, मोदी की ना ओबामा से हुई और ना ट्रम्प से

Donald Trump India Visit: जब भी भारत में कोई अमेरिकी राष्ट्रपति या उसके परिवार का सदस्य आता है, तो वो जिस शहर में आता है या जिससे भी मिलता है, वो सब सुर्खियों में होता है.

donald trump narendra modi sunil dutt
inkhbar News
  • Last Updated: February 24, 2020 19:42:35 IST

नई दिल्ली. जब भी भारत में कोई अमेरिकी राष्ट्रपति या उसके परिवार का सदस्य आता है, तो वो जिस शहर में आता है या जिससे भी मिलता है, वो सब सुर्खियों में होता है. मोदी ओबामा की दोस्ती तो इस पीढ़ी ने देखी है, ओबामा के बाद अमेरिका में ट्रम्प ने भी मोदी के साथ दोस्ती की कसमें खाईं और फिर भारत में भीं. लेकिन बहुतों को एक अमेरिकी राष्ट्रपति की एक बॉलीवुड स्टार की दांत काटी दोस्ती के बारे में नहीं पता होगा. ये दोस्ती इस कदर थी कि ये स्टार जब भी अमेरिका जाता था, तो परिवार सहित व्हाइट हाउस जरूर जाता था और भारत में उस राष्ट्रपति के दौरे के वक्त खास मेहमान भी होता था. ये बॉलीवुड स्टार था सुनील दत्त, और अमेरिकी राष्ट्रपति थे जिम्मी कार्टर.

दरअसल जिम्मी कार्टर और सुनील दत्त के रिश्ते दोस्ताना से ज्यादा पारिवारिक थे. जिम्मी कार्टर का एक इंडिया कनेक्शन था औऱ वो शायद अकेले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिनका पारिवारिक कनेक्शन इंडिया से था. दरअसल जिम्मी कार्टर की मां लिलियन गोर्डी कार्टर शुरू से ही समाजसेवी थीं, ट्रेंड नर्स भी थीं. 68 साल की उम्र में 1966 में उन्होंने Peace Corps के जरिए एक मिशन के लिए हामी भर दीं, और भारत आ गईं. उनको मौका मिला मुंबई के पास किसी गोदरेज कॉलोनी में, जहां उन्हें कुष्ठ रोगियों की सेवा में लगे एक प्रोजेक्ट में काम करना था. वो पूरे 21 महीने वहां रुकीं.

इन्ही 21 महीनों में उनकी मुलाकात कई बार सुनील दत्त से हुई जो अक्सर वहां आते थे. उन लोगों के रिश्ते मजबूत होते चले गए. इधर अमेरिका में उनका बेटा जिम्मी कार्टर धीरे धीरे राजनीति की सीढियां चढ़ते हुए 1971 में जॉर्जिया का गर्वनर बन गया. सुनील दत्त और कार्टर परिवार के रिश्ते और परवान चढ़ते चल गए. सुनील दत्त और नरगिस अमेरिका जाने पर उस परिवार से जरूर मिलते थे. भारत में कांग्रेस की सरकार और सुनील दत्त की देश में काफी इज्जत थी, इधर जिम्मी कार्टर लगातार तरक्की कर रहे थे. 1977 में उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया और वो जीतकर अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति भी बन गए। जब फखरुद्दीन अली अहमद की मौत पर कार्टर परिवार दिल्ली आया, तो कार्टर की पत्नी ने सुनील दत्त और नरगिस को राष्ट्रपति भवन के द्वारका सुइट्स में मिलने भी बुलाया.

फिर बाद में जब सुनील दत्त और नरगिस अमेरिका पहुंचे तो जिम्मी कार्टर ने उन्हें ह्वाइट हाउस में भी बुलाया. ये रिश्ता कार्टर की मां की मौत के बाद भी जारी रहा, कार्टर की मां को लोग मिस लिलियन कहा करते थे. मिस लिलियन ने जो लैटर यहां रहकर परिवार को लिखे थे, उनको एक किताब में पब्लिश भी किया गया. जब जनता पार्टी की सरकार 1977 में बनी तो निक्सन के वक्त इंदिरा गांधी से जो उनके रिश्ते खराब हुए थे, मोरारजी देसाई ने जिम्मी कार्टर को भारत दौरे पर बुलाकर उनको फिर से ट्रैक पर लाने की कोशिश की थी.

उस दौरे में जिम्मी कार्टर के नाम पर दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर बसे एक गांव का नाम बदलकर कार्टरपुरी कर दिया गया. कार्टर ने कई उपहार गांव वालो को दिए और जब तक वो प्रेसीडेंट रहे इस गांव के लोगों (पंचायत) के खतों के जवाब ह्वाइट हाउस से मिलते रहे. कई साल तक अमेरिकी टूरिस्ट भी इस गांव के चक्कर लगाते रहे थे. इस दौरे में भी कार्टर ने सुनील दत्त और नरगिस से मुलाकात की, यहां तक कि निजी मुलाकात के बाद जिम्मी कार्टर की पत्नी दिल्ली में नरगिस के साथ शॉपिंग करने भी गईं. जिम्मी की वीबी रोसलिन कार्टर को लेकर वो लोग सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्री एम्पोरियम पहुंचे थे. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ किसी भारतीय की ऐसी दोस्ती अभी दूसरी देखने को नहीं मिली है.

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