इस्लामपुर. महाराष्ट्र की इस्लामपुर सीट कई मायनों में खास है. इस सीट नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP) के उम्मीदवार जयंत पाटिल हैं तो वहीं बीजेपी के उम्मीदवार उदयनराजे भोसले हैं. दोनों ही दावेदारों की राजनीति पकड़ दमदार है. इस्लामपुर सीट में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2014 में एनसीपी के जयंत पाटिल ने जीत दर्ज की थी. एक बार फिर वह इस सीट से बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. आज 8 बजे से इस्लामपुर सीट पर काउंटिंग शुरू हो गई है. अब तक आए रुझानों के मुताबिक एनसीपी के जयंत पाटिल जीत की ओर हैं. निर्दलीय से मैदान में उतरे निशिकांत प्रकाश 47 हजार 924 वोटों से आगे पीछे चल रहे हैं.
जयंत पाटिल का ये गढ़ माना जाता है जो 1990, 1995 1999, 2004, 2009, 2014 से लगातार यहां जीतते आ रहे हैं. बता दें 288 सीटों पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 का रिजल्ट 24 अक्टूबर को आएगा. फिर साफ हो जाएगा कि राज्य की कमाल किस पार्टी के पास होगी और कौन जीतेगा. 2014 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के जयंत राजाराम पाटिल ने शानदार जीत हासिल की थी. जयंत पाटिल ने 75186 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. जो कि निर्वाचन क्षेत्र में हुए कुल वोटों का 41.39% था.
जयंत पाटिल ने इस सीट पर लगातार दो बार जीते हैं, वह 2009 में भी बड़े मार्जन के साथ जीते थे. इसके अलावा दूसरे नंबर पर निर्दलीय पार्टी से अभिजीत शिवाजीराव पाटिल 37859 वोटों के साथ रहे. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के जितेंद्र लक्ष्मण पाटिल रहे जिन्हें 18187 वोट मिले.
अभी इस सीट को लेकर जंयत पाटिल और बीजेपी के उदयनराजे भोसले के बीच कड़ी टक्कर है. दोनों ही जमकर प्रचार प्रसार किया है. बीजेपी के उदयनराजे भोसले के लिए चुनौति है कि वह इस बार जंयत पाटिल की नींव हिला सके. वहीं जयंत पाटिल के लिए काफी अहम होगा कि वह अपना किला बचा पाए.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 की बात करें तो कांग्रेस ने और एनसीपी ने मिलकर कई छोटे दलों के साथ हाथ मिलाया है. दोनों ने मिलकर ये चुनाव लड़ा है जिसका नतीजा 24 अक्टूबर को सामने आ जाएगा. वहीं बीजेपी ने शिवसेना से एक बार फिर गठबंधन बनाया है. बीजेपी और शिवसेना ने एक बार फिर सीएम कैंडिडेट के लिए देवेंद्र फणवीस को उतारा है. वहीं दूसरे दलों ने अभी मुख्यमंत्री कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है. खैर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के रिजल्ट आने के बाद साफ हो जाएगा कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा और किसके हाथ में राज्य की कमान जाएगी.