नई दिल्ली. मीटू कैंपेन के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप झेल रहे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया है. एमजे अकबर का यह मामला 97 वकीलों वाली फर्म लड़ रही है. प्रिया रमानी के खिलाफ केस होने के बाद उनके समर्थन में 20 महिला पत्रकार उतर आई हैं. 20 महिला पत्रकार एमजे अकबर के खिलाफ कोर्ट में गवाही देने के लिए तैयार हैं. प्रिया रमानी के समर्थन में उतरी एशियन एज की पत्रकार रहीं महिलाओं ने एक संयुक्त बयान में कोर्ट से आग्रह किया है कि एमजे अकबर के खिलाफ उनकी आवाज सुनी जाए.
महिला पत्रकारों ने दावा किया है कि उनमें से कुछ का एमजे अकबर ने यौन उत्पीड़न किया जिस वक्त वे एशियन एज के संपादक थे. महिला पत्रकारों ने अपने हस्ताक्षर वाले संयुक्त बयान में कहा है कि इस लड़ाई में प्रिया रमानी अकेली नहीं हैं. हम मानहानि के मामले की सुनवाई कर रही माननीय कोर्ट से आग्रह करते हैं कि याचिकाकर्ता ने हममें से कुछ के साथ यौन उत्पीड़न किया है जिनकी हम गवाह हैं. ऐसे में अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं की गवाही पर भी विचार किया जाए.
एमजे अकबर के खिलाफ गवाही देने के लिए बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में मीनल बघेल, तुषिता पटेल, मनीषा पांडेय, रमोला तलवार बादाम, सुपर्णा शर्मा, कणिका गहलोत, होइहनु हौजेल, आयशा खान, कुशलरानी गुलाब, ए टी जयंती, हामिदा पार्कर, जोनाली बुरागोहैन, मीनाक्षी कुमार, सुजाता दत्ता सचदेवा, कनीजा गजारी, मालविका बनर्जी, रेशमी चक्रवाती, किरण मनराल और संजरी चटर्जी शामिल हैं. इसके अलावा एक डेक्कन क्रॉनिकल की पत्रकार क्रिस्टीना फ्रांसिस ने भी इस बयान पर हस्ताक्षर किए हैं.
बता दें कि एमजे अकबर के खिलाफ प्रिया रमानी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. उस वक्त केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर विदेश में थे. विदेश दौरे से लौटने के बाद उन्होंने इन आरोपों को झूठे और बेबुनियाद बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया. इसके साथ ही एमजे अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज करा दिया. प्रिया रमानी ने मानहानि का केस होने पर कहा था कि वह डरने वाली नहीं हैं.