नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने उम्रदराज नेताओं को साइडलाइन करने में लगी हुई है. पहले बीजेपी के वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी का गुजरात के गांधीनगर लोकसभा सीट से टिकट काटकर पार्टी अध्यक्ष दे दिया गया. अब कानपुर से सासंद और बीजेपी के संस्थापक सदस्य मुरली मनोहर जोशी को कह दिया गया है कि इस चुनाव में पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है. मुरली मनोहर जोशी ने खुद बताया है कि उन्हें बीजेपी के महासचिव रामलाल ने कानपुर तो क्या किसी भी लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. दरअसल, बीजेपी की राष्ट्रीय राजनीति में जब से नरेंद्र मोदी और अमित शाह आए हैं तभी से पार्टी के उम्रदराज नेताओं को साइडलाइन करना शुरू हो गया था.
2014 लोकसभा चुनाव में ही मोदी ने दिए थे संकेत-
2013 में जब भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की कवायद चल रही थी, तब लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इसका विरोध किया था. उस समय बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह थे. राजनाथ सिंह ने मोदी के साथ मिलकर मोर्चा संभाला और वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करते हुए और वक्त की जरूरत बताते हुए नरेंद्र मोदी को पीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया. हालांकि इससे आडवाणी और जोशी नाराज हुए.
इसी तरह मुरली मनोहर जोशी को अपने संसदीय क्षेत्र से टिकट नहीं दिया गया था और उन्हें कानपुर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया. इस पर भी वे काफी नाराज हुए लेकिन बाद में उन्होंने मन मारकर चुनाव लड़ा और कानपुर से जीत दर्ज की.
2014 लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी का टिकट वितरण हुआ तो उसमें एक और उम्रदराज नेता जसवंत सिंह का टिकट काट दिया गया. उन्हें राजस्थान की जैसलमेर-बाड़मेर लोकसभा सीट से प्रत्याशी नहीं बनाया गया. इससे वे खासे नाराज हुए और निर्दलीय ही चुनाव लड़े. हालांकि उस चुनाव में उन्हें हार मिली. इसके बाद से ही पार्टी ने उनका पत्ता काट दिया.
2019 में बीजेपी के उम्रदराज नेताओं को मोदी-शाह का सख्त संदेश-
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी में सिर्फ दो ही नाम प्रमुखता से चल रहे हैं, एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे उनके जोड़ीदार अमित शाह. मोदी-शाह की जोड़ी ने पिछले पांच साल में पार्टी को देशभर में मजबूत किया है. इसके साथ ही पार्टी का मानना है कि 75 साल से ज्यादा की उम्र के नेताओं का राजनीति में कोई स्थान नहीं है, उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए. इसी को जारी रखते हुए मोदी-शाह की जोड़ी 2019 के आम चुनाव में एक-एक कर उम्रदराज नेताओं को राजनीति से आउट करने में लगी हुई है.
पहली कैंडिडेट लिस्ट में लालकृष्ण आडवाणी का गांधीनगर से टिकट काट कर साफ कर दिया कि अब पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है. अब ताजा खबर के मुताबिक मुरली मनोहर जोशी को भी कह दिया गया है कि वे कानपुर तो क्या किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव न लड़ें. दूसरी ओर उत्तराखंड के वरिष्ठ बीजेपी नेता बी सी खंडूरी को भी पार्टी ने साइड लाइन कर दिया है.