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ND Tiwari Death: अगर नैनीताल चुनाव में शिकस्त नहीं मिलती तो प्रधानमंत्री बन जाते एनडी तिवारी

ND Tiwari Death:  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी ने आज दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. एनडी तिवारी का निधन 93 वर्ष की आयु में अपने जन्मदिन के दिन हुआ. ND तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल जिले में हुआ था. जबकि उनकी मृत्यु आज मतलब 18 अक्टूबर 2018 को हुई.

एनडी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल जिले में हुआ था. जबकि उनकी मृत्यु आज मतलब 18 अक्टूबर 2018 को हुई.
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  • Last Updated: October 18, 2018 17:42:08 IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सीएम रहे एनडी तिवारी ने आज दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली. ND का निधन 93 वर्ष की आयु में अपने बर्थडे के दिन हुआ. एनडी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल जिले में हुआ था. जबकि उनकी मृत्यु आज मतलब 18 अक्टूबर 2018 को हुई.

एनडी तिवारी को 5 वर्ष पहले ब्रेन स्ट्रोक की वजह से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था. उसी समय से दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज जारी था. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी वर्ष 1991 चुनाव में पीएम पद के दावेदार थे. लेकिन वह उस दौरान उन्हें नैनीताल संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव में केवल 800 वोट के कारण हार झेलनी पड़ी. इस पर प्रधानमंत्री की कुर्सी नरसिम्हा राव को मिल गई. 1994 में कांग्रेस से उनके मतभेद बढ़ गया. इस मतभेद के बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर, वरिष्ठ कांग्रेसी अर्जुन सिंह व कुछ सांसदों को साथ लेकर उन्होंने आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) के नाम से नई पार्टी खड़ी कर दी.

हालांकि बाद में कांग्रेस की कमान जैसे ही सोनिया गांधी के हाथों में गई उसके दो साल अंदर के कांग्रेस में फिर शामिल हो गए. इसके बाद 1996 के लोक सभा चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी लेकिन लेकिन एनडी तिवारी चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंच गए. 1999 में फिर से वे लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए.

गौरतलब है कि  उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी ने तीन बार यूपी के सीएम पद की जिम्मेदारी संभाली. उन्होंने पहली बार बतौर यूपी सीएम 1976-77 तक कांग्रेस सरकार की सत्ता संभाली. जिसके बाद 1984-85 और 1988-89 के दौरान भी उनका कार्यकाल रहा. साल 2000 में जब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का विभाजन हुआ तो 2002 में एनडी तिवारी ने इतिहास रचते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला. इसके साथ ही वे साल 2007 में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे.

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