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कच्छ मे चुनाव होगा रोचक, ओवैसी की मौजूदगी ने बदल दिए समीकरण

गांधीनगर। आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी समीकरण लगातार बदलते जा रहे हैं जहां एक ओर आप की मौजूदगी ने चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय कर दिया है वहीं असद उद्दीन ओवैसी की मौजूदगी ने कुछ सीटों पर ही सही लेकिन सियासी समीकरणों को नए आयाम दे दिए हैं। ओवैसी की मौजूदगी क्या भाजपा के […]

कच्छ मे कांग्रेस के लिए मुसीबत बनेंगे ओवैसी
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  • Last Updated: November 29, 2022 09:49:27 IST

गांधीनगर। आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी समीकरण लगातार बदलते जा रहे हैं जहां एक ओर आप की मौजूदगी ने चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय कर दिया है वहीं असद उद्दीन ओवैसी की मौजूदगी ने कुछ सीटों पर ही सही लेकिन सियासी समीकरणों को नए आयाम दे दिए हैं। ओवैसी की मौजूदगी क्या भाजपा के लिए लाभदायक साबित होगी यही चर्चाएं सियासी गलियारों में लगातार हो रही हैं।

क्या समीकरण है कच्छ में?

गुजरात के कच्छ में छह विधानसभा सीटें हैं, पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने छह में से दो एवं भाजपा ने चार सीटें जीती थी, हम आपको बता दें की कच्छ में अबडासा, रापर, भुज, मांडवी, अंजार और गांधीधाम सीटें आती हैं। पिछली बार पटेल आंदोलन के चलते भाजपा का पलड़ा कुछ हल्का था, लेकिन इस बार पटेलों का साथ मिलने के बाद भाजपा फिर से शक्तिशाली हो गई है। कच्छ क्षेत्र में पटेल मतदाता लगभग 11 फीसदी हैं। अबडासा से कांग्रेस विधायक पद्युम्न सिंह जडेजा का भाजपा में शामिल होना और उपचुनाव लड़कर फिर से जीत हासिल करना और वहीं सोमवार को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार वसंद बालजी भाई खेतानी का मैदान से हटकर भाजपा को समर्थन देना भाजपा को और अधिक मजबूत करता हुआ नज़र आ रहा है।

क्या ओवैसी बदेलेंगे समीकरण?

कच्छ में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग 19 फीसदी है, इसी आबादी का फायदा उठाने के लिए एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी की मौजूदगी भाजपा के लाभदायक और कांग्रेस के लिए विष का काम करेगी। मजलिस और आप की मौजूदगी ने कच्छ मे चुनावों को न सिर्फ रोचक बना दिया है बल्कि भाजपा को लिए उत्प्रेरक का कार्य भी किया है। स्थानीय लोगो का भी यही कहना है की ओवैसी की मौजूदगी से भाजपा को लाभ मिल सकता है । क्योंकि 19 फीसदी मुस्लिम समुदाय को वोट कांग्रेस, आप और मजलिस के बीच बंट जाएगा और भाजापा का रास्ता एकदम साफ हो जाएगा।