रामपुर. कुछ ही दिनों में रामपुर में उपचुनाव होने वाला है, लेकिन उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, रामपुर में आजम खान के करीबी बताए जाने वाले फसाहत शानू ने भाजपा का दामन थाम लिया है. एक जमाने में आजम खान के मीडिया प्रभारी रहने वाले फसाहत शानू की रामपुर में बहुत ही मजबूत उपस्थिति मानी जाती थी, इसके साथ ही कहा जा रहा था कि इस बार सपा उन्हें रामपुर उपचुनाव में अपना उम्मीदवार भी बना सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शानू ने भाजपा का दामन थाम लिया, जिसके बाद समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है.
फसाहत शानू का नाम उन लोगों में गिना जाता है जो आजम खान के करीबियों में आते हैं, बता दें जिस वक्त अखिलेश यादव के साथ आजम खान के रिश्ते कुछ खास नहीं चल रहे थे, तब भी शानू की तरफ से सपा प्रमुख पर तंज कसा जाता है, कई मौकों पर फसाहत शानू के बयानों ने सियासी तापमान बढ़ाने का काम किया था. लेकिन अब आजम की विधायकी जाने के बाद फसाहत शानू ने अपना पाला बदल लिया है और भाजपा में आ गए हैं. वे इरशाद महमूद, नवीन शर्मा और वैभव यादव के साथ भाजपा में आ गए हैं, फसाहत के साथ ये सभी आजम खान के करीबी माने जाते हैं.
समाजवादी पार्टी ने आसिम राजा को उम्मीदवार बनाया है. रामपुर के पूर्व विधायक आजम खान ने खुद आसिम राजा की उम्मीदवारी की घोषणा की है.
आसिम राजा रामपुर का एक जाना-माना नाम है. वह 10 बार के विधायक आजम खान के करीबी नेताओं में शुमार हैं और इस समय सपा के नगर अध्यक्ष हैं. आसिम राजा शमसी बिरादरी से तालुक रखते हैं. उनकी शमसी बिरादरी में बहुत मजबूत पैठ है, पूर्व में वे व्यापारी नेता रहे है. आसिम राजा की गिनती आज़म के भरोसेमंद लोगों में होती है. आसिम आजम के कितने करीबी इसका अंदाजा तो इसी से लगाया जा सकता है कि लोकसभा उपचुनाव के प्रत्याशी के तौर पर खुद आजम खान ने आसिम राजा के नाम का ऐलान करते हुए उन्हें अपना अजीज साथी और लंबा सियासी तजुर्बा रखने वाला होनहार नेता बताया था. उस समय उन्होंने कहा था, “हम आसिम राजा को लड़ाना चाहते हैं और आप सबकी तकलीफों के सारे हिसाब लेना चाहते हैं.”
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