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आखिर क्यों बदले-बदले से दिख रहे हैं अखिलेश यादव ?

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजनीति में फिर से कुछ बदलाव होने वाले हैं, बीते चुनावों में हार के बाद अब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव नई रणनीति के साथ आगे की तैयारी में लग गए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सपा प्रमुख अपने वही पुराने अंदाज़ में आ गए हैं लेकिन बदले तेवर के […]

Akhilesh yadav in varanasi
inkhbar News
  • Last Updated: July 29, 2022 20:32:50 IST

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजनीति में फिर से कुछ बदलाव होने वाले हैं, बीते चुनावों में हार के बाद अब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव नई रणनीति के साथ आगे की तैयारी में लग गए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सपा प्रमुख अपने वही पुराने अंदाज़ में आ गए हैं लेकिन बदले तेवर के साथ. इस दौरान उनके सवालों को पूछने का तरीका भी वही पुराना है.

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में लगे अखिलेश यादव अब कुछ बदले-बदले से नज़र आ रहे हैं. ये हम नहीं ये तो अखिलेश यादव की हालिया तस्वीरें बता रही हैं. सपा प्रमुख गुरुवार को वाराणसी पहुंचे, इस दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए, जिसके बाद यहां से वे जौनपुर के लिए रवाना हो गए. इस दौरान सपा प्रमुख के माथे पर चंदन था, वहीं अखिलेश ने एक प्रेस कांफ्रेंस भी की, जिसमें धर्म के मुद्दे पर ही उन्होंने भाजपा पर चुभता हुआ तंज कसा.

यूँ कसा भाजपा पर तंज

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अखिलेश ने भाजपा पर खूब निशाना साधा. सबसे पहले सपा प्रमुख ने कहा, “मुझे भाजपा वालों से धर्म नहीं सीखना है. भाजपा की कोशिश विरोधियों में फूट डालो और राज करो की रही है. अभी तक जितने भी फैसले भाजपा ने लिए हैं, वो जनता के खिलाफ ही हैं. दूध, दही और मक्खन सब पर जीएसटी लगा दिया, इसमें किस का हित है? आजादी के बाद ये पहली सरकार है, जिसने इस तरह से जीएसटी लगाया है. सावन के महीने में भोलेनाथ पर चढ़ाने जाएं तो दूध, वही जिसपर सरकार ने जीएसटी वसूला हो. इन्होने तो पूजा करने वालों को भी नहीं छोड़ा.”

कांवड़ियों पर क्या बोले अखिलेश

जौनपुर हो या वाराणसी अखिलेश यादव ने धर्म के मुद्दे पर भाजपा सरकार को खूब घेरा है. वहीं ओवैसी को कांवड़ यात्रा में हुई पुष्पवर्षा जरूर चुभी थी, लेकिन इस मामले पर भी अखिलेश यादव ने अपने बयान में संतुलन रखा. उन्होंने कहा, “कांवड़ियों का सम्मान होना चाहिए, कांवड़ यात्रा धर्म से जुडी है और धर्म में बहस नहीं होनी चाहिए. धर्म में तर्क नहीं होना चाहिए, धर्म में तर्क दिया ही नहीं जा सकता.”

भाजपा धर्म वाली है तो दूध-दही पर टैक्स क्यों?

अखिलेश ने आगे धर्म के मुद्दे पर भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपाइयों का धर्म केवल इस्तेमाल करने के लिए है. भाजपा धर्म वाली है तो बताओ दूध पर टैक्स क्यों लगाया. उन्होंने दही पर टैक्स क्यों लगाया, ये तो बाबा भोलेनाथ पर चढ़ता है.”

 

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