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नहीं थमा पायलट और गहलोत के बीच जंग का सिलसिला, कांग्रेस को लेना होगा यह फैसला

जयपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर जहां एक ओर गहलोत और सचिन पायलट के फिर से एक होने की खबरें लगातार सियासी गलियारों मे गूंज रहीं थीं, वहीं दूसरी ओर दोनों ही कद्दावर नेताओं के लेकर फिर से एक सूचना सामने आई है,जिसके लेकर साफ कहा जा सकता है कि गहलोत और […]

नहीं खत्म हुआ पायलट गहलोत विवाद
inkhbar News
  • Last Updated: December 3, 2022 13:03:40 IST

जयपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर जहां एक ओर गहलोत और सचिन पायलट के फिर से एक होने की खबरें लगातार सियासी गलियारों मे गूंज रहीं थीं, वहीं दूसरी ओर दोनों ही कद्दावर नेताओं के लेकर फिर से एक सूचना सामने आई है,जिसके लेकर साफ कहा जा सकता है कि गहलोत और पायलट के बीच का विवाद अभी थमा नहीं है बल्कि इसका असर गुजरात विधानसभा चुनावों मे भी देखा जा सकता है।

क्या है नया मामला?

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पूर्व ही कांग्रेस के क्द्दावर नेता केसी वेणुगोपाल ने दोनों ही नेताओं के बीच आपसी मतभेद को खत्म कर के एक साथ लाने का काम किया था। लेकिन मौजूदा समय मे यदि सूत्रों की मानें तो ऐसा लगता है कि, गहलोत और पायलट के बीच का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है, हो सकता है कि, राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के चलते इस मामले मे थोड़ा विराम लग गया हो।
सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट कांग्रेस की आलाकमान पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि उन्हे राजस्थान का सीएम बनाया जाए। सचिन पायलट के करीबी नेताओं ने यह दावा किया है कि, आलाकमान ने उन्हे अन्तिम वर्ष में मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था।

पार्टी छोड़ सकते हैं पायलट

मित्रता के बाद फिर से उत्पन्न हुए इस विवाद को लेकर सचिन पायलट मुख्यमंत्री न बनाए जाने पर पार्टी को भी छोड़ सकते हैं बताया जा रहा है कि, कांग्रेस द्वारा सचिन पायलट को महासचिव बनाने का ऑफर दिया गया था जिसके लिए पायलट तैयार नहीं हुए, इससे साफ हो जाता है कि, पायलट मुख्यमंत्री से नीचे किसी भी पद को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।

कांग्रेस को हो सकता है नुकसान

राजनीति विश्लेषज्ञों का कहना है कि, यदि हिमाचल में कांग्रेस की जीत होती है और गुजरात में भी प्रदर्शन खास रहा तो, कांग्रेस राजस्थान में बीच का रास्ता निकालने की कोशिशें कर सकती है, इस फॉर्मूले के तहत क्या गहलोत के स्थान पर किसी और को मुख्यमंत्री यानि के सचिन पायलट को बनाया जा सकता है या फिर सचिन पायलट को महासचिव बनाने का फैसला भी लिया जा सकता है, देखने वाली बात यह होगी कि, सचिन पायलट सीएम से नीचे किसी भी पद को कबूल करते हैं या नहीं।