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डॉक्टरों के ताबदले पर CM योगी का एक्शन, दो दिन के अंदर रिपोर्ट तलब

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के तबादले के विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने इस मामले में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और संजय भूसरेड्डी से रिपोर्ट तलब की है, दो दिन के अंदर इसकी रिपोर्ट मांगी गई है. इन तबादलों पर डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य […]

UP Government Doctors transfer
inkhbar News
  • Last Updated: July 12, 2022 16:26:08 IST

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के तबादले के विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने इस मामले में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और संजय भूसरेड्डी से रिपोर्ट तलब की है, दो दिन के अंदर इसकी रिपोर्ट मांगी गई है. इन तबादलों पर डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी सवाल उठाए थे. दरअसल, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक की जानकारी के बिना डॉक्टरों के तबादले का आदेश जारी कर दिया गया था. अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने तबादलों की लिस्ट जारी करवा दी थी, और अब डॉक्टरों के तबादले की वजह से कई जिलों के अस्पताल में डॉक्टरों की किल्लत शुरू हो गई है.

तबादले से नाराज़ हैं उपमुख्यमंत्री

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इस बात से नाखुश थे कि हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान डॉक्टरों के तबादले की सूचि जारी कर दी गई. इस मामले में उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को चिट्ठी लिखी कि उनकी जानकारी में आया है कि राज्य भर में डॉक्टरों के तबादले में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.

ब्रजेश पाठक ने चिट्ठी लिखकर मांगा जवाब

इस मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अपने पत्र में लिखा, ‘मेरी जानकारी में आया है कि मौजूदा सत्र में जो भी तबादला हुआ है, उसमें तबादला नीति का उचित तरीके से पालन नहीं किया गया है. इस प्रकार, उन सभी का पूरा विवरण दें, जिनका तबादला उचित कारणों के साथ किया गया है.’

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने आगे कहा, ‘मुझे बताया गया है कि लखनऊ समेत जिन जिलों में बड़े अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है, वहां उनका तबादला कर दिया गया है, लेकिन उन डॉक्टरों के स्थान पर कोई विकल्प नियुक्त नहीं किया गया है. लखनऊ राज्य की राजधानी है, जहां पहले से ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है और गंभीर हालत में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे जिलों से भी लखनऊ रेफर किया जाता है, लेकिन जब वहीं डॉक्टरों की किल्लत होगी तो उचित इलाज कैसे होगा’.

 

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