Inkhabar
  • होम
  • अध्यात्म
  • आज से ही है धनतेरस, जानें क्या है- पूजा और खरीददारी का शुभ मुहूर्त

आज से ही है धनतेरस, जानें क्या है- पूजा और खरीददारी का शुभ मुहूर्त

देश में दिवाली की धूम है. कल यानि 28 अक्तूबर शुक्रवार को धनतेरस मनाया जाएगा. वैसे तो धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है जो कि 28 अक्तूबर को पड़ रहा है.

Dhanteras, Dhanteras Puja, Dhanteras Tips, diwali, Diwali and Dhanteras special tips, diwali 2016, Diwali Puja
inkhbar News
  • Last Updated: October 27, 2016 06:46:22 IST
नई दिल्ली. देश में दिवाली की धूम है. कल यानि 28 अक्तूबर शुक्रवार को धनतेरस मनाया जाएगा. वैसे तो धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है जो कि 28 अक्तूबर को पड़ रहा है. इस बार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 27 अक्टूबर शाम 5.12 से 28 अक्टूबर की शाम 6.17 बजे तक रहेगी जिसकी वजह से धनतेरस गुरूवार यानि आज से ही शुरू हो गया है. धनतेरस का मुहूर्त तो आज शाम से ही प्रारंभ हो जाएगा, जबकि पूजा-पाठ, खरीदारी इत्यादि कल कर सकेंगे. 
 
धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस का दिन धन्वन्तरि त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस है, के रूप में भी मनाया जाता है. धनतेरस के दिन घर में उपयोग होने वाले सामान खरीदने की परम्परा पुरानी है.
 
धन तेरस (धन्वन्तरी जयन्ती ) के दिन माता लक्ष्मी की पूजा कर बर्तन आदि की खरीददारी करना घर के लिए अति शुभ फलदायक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय कलश के साथ माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था उसी के प्रतीक के रूप में ऐश्वर्य और सौभाग्य वृद्धि के लिए बर्तन खरीदने की परम्परा की शुरुआत हुई थी. इस दिन बर्तन आदि के साथ कोई भी धातु खरीदना शुभ होता है.
 
धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए. प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद से शुरु होता है और लगभग 2 घण्टे 24 मिनट तक रहता है.  चौघडिय़ा मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं. इसलिए इस मुहूर्त को धनतेरस के समय ध्यान नहीं देना चाहिए.
 
धनतेरस की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है, इस समय स्थिर लग्न प्रचलित होती है. ऐसा माना जाता है कि अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाए तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती हैं. वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है.
 
क्या है धनतेरस की पूजा का मुहूर्त
धनतेरस पूजा मुहूर्त ; 17:35 से 18:20 (स्थिर लग्न के बिना)
 
अवधि. 0 घण्टे 45 मिनट्स
 
प्रदोष काल. 17:35 से 20:11
 
वृषभ काल . 18:35 से 20:30
 
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ. 27/अक्टूबर/2016 को 16:15 बजे
 
त्रयोदशी तिथि समाप्त. 28/अक्टूबर/2016 को 18:20 बजे
 
खरीदारी और पूजा-पाठ के लिए कौन सा समय है उपयुक्त
त्रयोदशी तिथि में स्थिर लग्न सुबह 07:50 से 09:50 बजे तक, दोपहर 01:55 से 03:08 बजे तक और रात 06:29 से 08:12 बजे तक है. इस कारण से इस बीच की गयी खरीदारी शुभ फलदायी होती है. इस दिन लक्ष्मी पूजन के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त प्रदोष काल एवं वृष लग्न 06:29 से 07:50 बजे रात तक है.
 
इसी दिन परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है. इसे त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है और यम दीपक के नाम से जाना जाता है.

Tags