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नवरात्रि के दूसरे दिन छात्र इस विधि से जरूर करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, पूरी होगी मनोकामना

कल से नवरात्रि शुरु हो चुके हैं और आज नवरात्रि का दूसरा दिन है. नवरात्र के दूसरे दिन भगवती मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना का विधान है. मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है.

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  • Last Updated: March 29, 2017 03:45:42 IST
नई दिल्ली: कल से नवरात्रि शुरु हो चुके हैं और आज नवरात्रि का दूसरा दिन है. नवरात्र के दूसरे दिन भगवती मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना का विधान है. मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है. 
 
 
आज की दिन छात्रों के लिए बेहद खास होता है. आज के दिन छात्रों को मां शक्ति के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा जरूर करनी चाहिए. पूरी विधि-विधान के साथ पूजा करने से उन्हें माता का आर्शीवाद मिलता है. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि छात्रों को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा किस तरह करनी चाहिए कि माता खुश होकर उस पर अपनी कृपा बरसाएंगी.
 
इससे पहले माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की बात करें तो यहां ब्रह्मचारिणी का तात्पर्य तपश्चारिणी है. इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोप तपस्या की थी. अतः ये तपश्चारिणी और ब्रह्मचारिणी के नाम से विख्यात हैं. 
 
इस दिन छात्रों को सुबह उठकर स्नान करके साफ पीले या सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए. इसके बाद माता का पूरे मन से ध्यान करते हुए तप के साथ पूजा करें. इसके साथ ही आप इस मंत्र का उच्चारण भी जरूर करें…
इधाना कदपद्माभ्याममक्षमालाक कमण्डलु
देवी प्रसिदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्त्मा
 
इनकी उपासना से मनुष्य के तप, त्याग, वैराग्य सदाचार, संयम की वृद्धि होती है तथा मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता. अपने पूर्व जन्म में वे हिमालय (पर्वतराज) के घर कन्या रूप में प्रकट हुई थीं. तब इन्होंने देवर्षि नारद जी के उपदेशानुसार कठिन तपस्या करके भगवान शंकर को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था.

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