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आखिर शाम होते ही क्यों जलाया जाता है घरों में दीया या लाइट?

अगर आपने कभी गौर किया होगा, तो आपने देखा होगा कि आपके घर में मां शाम होते ही अर्थात सूरज के ढलते ही दीया जला देती हैं. क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की, कि आखिर पूरी तरह से अंधेरा छाने से पहले ही क्यों घरों में दीपक जला दिया जाता है?

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  • Last Updated: April 5, 2017 17:36:27 IST
नई दिल्ली:  अगर आपने कभी गौर किया होगा, तो आपने देखा होगा कि आपके घर में मां शाम होते ही अर्थात सूरज के ढलते ही दीया जला देती हैं. क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की, कि आखिर पूरी तरह से अंधेरा छाने से पहले ही क्यों घरों में दीपक जला दिया जाता है? 
 
दरअसल, हिंदू धर्म के मुताबिक सिर्फ़ धार्मिक अवसर पर ही दीपक जलाना शुभ नहीं माना जाता, बल्कि हर शाम घरों में दीया जलाना शुभ माना जाता है. माना जाता है कि दीपक से जो प्रकाश का उत्सर्जन होता है, वो बुद्धी और ज्ञान का प्रतीक होता है.
 
अक्सर हमारे घरों में माता-पिता अथवा बुजुर्गों द्वारा ये कहा जाता है कि घर पर कोई रहे या न रहे, मगर घरों में शाम के समय अंधेरा नहीं रखना चाहिए.
 
 
इसका कारण ये है कि अक्सर माना जाता है कि दिन में सूर्य के प्रकाश के कारण घरों से बुरी शक्तियां बाहर निकल जाती हैं, मगर जैसे ही अंधेरा होने वाला होता है, वो घरों में आ जाती हैं. इसलिए कहा जाता है कि घरों में बुरी शक्तियों को रोकने के लिए दीया जला कर रखना चाहिए.
 
इसके अलावा ये भी माना जाता है कि घर में हमेशा ही एक छोटी सी लाइट या दीया जला कर रखनी चाहिए. क्योंकि सूर्यास्त अथवा शाम के समय भगवान की पूजा करने से घर में सबकुछ मंगल होता है. लाइट जलते रहने से बुरी शक्तियों का भी घरों में प्रवेश नहीं होता है.
 
इतना ही नहीं, हिदू धर्म में संध्या पूजा का अपना एक विशेष महत्व होता है. यही कारण है कि घर की औरतें शाम होते ही पूजा घर में जाकर दीया जला देती हैं और पूरे घर में दीया दिखाती हैं.

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