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निर्जला एकादशी का व्रत है सबसे श्रेष्ठ, ऐसे करें पूजा

आज निर्जला एकादशी का है, हिंदू धर्म में एकादशी का महत्वपूर्ण स्थान है, एक साल में 24 एकादशी होती हैं. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.

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  • Last Updated: June 5, 2017 03:26:32 IST
नई दिल्ली : आज निर्जला एकादशी का है, हिंदू धर्म में एकादशी का महत्वपूर्ण स्थान है, एक साल में 24 एकादशी होती हैं. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, एक खास बात जो ध्यान करने वाली है वो ये है कि अगर आप 24 एकादशी के व्रत नहीं रख पाते तो निर्जला एकादशी का एक व्रत रखकर आप 24 एकादशी के व्रत का पुण्य कमा सकते हैं.
 
बता दें कि ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं. गौरतलब है कि गंगा दशहरा के एक दिन बाद निर्जला एकादशी आती है, कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि दोनों एक साथ भी आ जाती हैं.
 
 
निर्जला एकादशी का बहुत महत्व है क्योंकि इस एक एकादशी के व्रत से व्यक्ति को  पूरे साल की 23 एकादशियों के पुण्य जितने फल की प्राप्ति होती है. इस बार निर्जला एकादशी 5 जून यानि सोमवार को है. निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी या भीमसेन एकादशी के नाम से जाना जाता हैं. इस व्रत से व्यक्ति को दीर्घायु और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.
 
ऐसे करें पूजा
 
निर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें और फिर मंदिर जाएं. एक बात खास ध्यान रखें कि गरीबों को दान दक्षिणा देना न भूलें. कल यानी की मंगलवार को सुबह पूजा करने के बाद अपना व्रत खोलें.
 
 

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