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क्या आपको पता है कि लोग नदियों में सिक्के क्यों फेंकते हैं…

हमारे देश में ऐसी कई चीज़ें होती हैं, जिनके पीछे की वजह के बारे में हम नहीं जानते. कुछ चीज़ें हम दूसरों की देखा-देखी करने लगते हैं. आज ऐसे ही एक रिवाज या प्रथा की बात करेंगे, जिसका कारण शायद आपको भी नहीं पता होगा.

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  • Last Updated: June 14, 2017 12:16:48 IST

नई दिल्ली : हमारे देश में ऐसी कई चीज़ें होती हैं, जिनके पीछे की वजह के बारे में हम नहीं जानते. कुछ चीज़ें हम दूसरों की देखा-देखी करने लगते हैं. आज ऐसे ही एक रिवाज या प्रथा की बात करेंगे, जिसका कारण शायद आपको भी नहीं पता होगा.

इंसान ऐसी बहुत सी चीजें करता है, जिसकी वजह तो जरूर होती है, मगर उससे वो अनजान होता है. हमारे देश में बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जिनके पीछे की वजह तो हम नहीं जानते मगर दूसरों की देखा-देखी जरूर करने लगते हैं. उन्हीं चीजों में से एक है नदी, तालाब या पोखर में सिक्के डालना. 
 
नदियों में सिक्के फेंकने की प्रथा:
 
राह चलते नदियों में लोगों को पैसे फेंकते न सिर्फ आपने देखा होगा, बल्कि खुद भी किया होगा. आज भी जब लोग किसी पवित्र नदी या फिर नदियों के ऊपर बने ब्रिज से गुजरते हैं तो अपने पॉकेट से सिक्का निकाल कर फेंक देते हैं. मगर सवाल ये है कि आखिर हम नदियों में सिक्का फेंकते क्यों हैं? क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है नदी में सिक्के फेंकने की वजह क्या है?
 
 
कुछ लोग इसे महज सिर्फ मान्यता भर और अंधविश्वास समझते हैं, मगर ऐसा कुछ भी नहीं है. हालांकि, ये बात भी सही है कि जब भी कोई गंगा या फिर किसी अन्य नदी सो होकर गुजरता है तो भगवान का नाम लेकर उसमें सिक्के जरूर फेंकता है. 
 
सदियों से चली आ रही है ये प्रथा: 
 
दरअसल, ये एक बहुत पुराना रिवाज है. ये रिवाज और प्रथा उस वक्त से चली आ रही है, जब आज की तरह स्टील के बने सिक्के नहीं, बल्कि सिर्फ और सिर्फ तांबे के सिक्के चला करते थे. और इसी तांबे के सिक्कों को नदियों में फेंका जाता था, ताकि नदी का पानी स्वच्छ और शुद्ध रह सके. बता दें कि तांबा काफी फायदेमंद होता है. 
 
 
बता दें कि पुराने जमाने में लोगों के पानी का मुख्य स्रोत नदियां हुआ करती थीं. लोग पीने से लेकर हर काम के लिए नदी के पानी पर ही निर्भर हुआ करते थे. इसलिए तांबे के सिक्के को पानी में डाला जाता था. चूंकी तांबा पानी को शुद्ध रखने का काम करता है., इतना ही नहीं, वह पानी को प्रदुषित होने से भी बचाता है. 
 
तांबा पानी को शुद्ध करता है:
 
यही वजह है कि लोग जब नदी और तालाब के पास से गुजरते थे तो नदियों में तांबे के सिक्के फेंक देते थे. यही धीरे-धीरे एक प्रथा की तरह बन गई और आज भी लोग इसे मान्यता के रूप में मानते हैं. हालांकि, उस वक्त लोग तांबे का सिक्का फेंका करते थे, मगर आज स्टील के सिक्के फेंका करते हैं.
 
आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्योतिष में भी इस बात का जिक्र है कि जल में सिक्के डालने से ग्रह दोष दूर हो जाते हैं. साथ ही बहते पानी में चांदी का सिक्का डालने से अशुध शुद्र दोष खत्म हो जाता है. यही वजह है कि लोग आज भी जब नदियों के पास से गुजरते हैं तो उसमें सिक्के फेंक देते हैं. 
 

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