Inkhabar
  • होम
  • अध्यात्म
  • …तो इन वजहों से महिलाओं को श्मशान घाट जाने की इजाजत नहीं है

…तो इन वजहों से महिलाओं को श्मशान घाट जाने की इजाजत नहीं है

हमारे आस-पास ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं, जिन्हें लोग पूर्वजों की देखा-देखी करते तो हैं, मगर उसकी वजह से अनजान होते हैं. हिंदू धर्म में भी बहुत सी ऐसी मान्यताएं हैं, जिनके कारण कम ही लोग जानते हैं. ऐसे ही हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि अंतिम संस्कार में महिलाएं नहीं जा सकती हैं. हिंदुओं में महिलाओँ को श्मशान घाट पर जाने की सख्त मनाही है.

why women are not allowed in shamshan ghat for cremation
inkhbar News
  • Last Updated: June 19, 2017 14:16:54 IST

नई दिल्ली : हमारे आस-पास ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं, जिन्हें लोग पूर्वजों की देखा-देखी करते तो हैं, मगर उसकी वजह से अनजान होते हैं. हिंदू धर्म में भी बहुत सी ऐसी मान्यताएं हैं, जिनके कारण कम ही लोग जानते हैं. ऐसे ही हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि अंतिम संस्कार में महिलाएं नहीं जा सकती हैं. हिंदुओं में महिलाओँ को श्मशान घाट पर जाने की सख्त मनाही है.
 
मगर क्या आपने कभी सोचा कि ऐसा क्यों? आखिर वो कौन सी वजह है जिसके कारण अंतिम संस्कार में शामिल होने से महिलाओं को रोक दिया जाता है? आज हम आपको इस मान्यता के पीछे की असली वजह को बताएंगे.
 
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि जब कभी किसी की मौत होती है तो जब उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान पर ले जाया जाता है तो उसके बाद घर की अच्छे तरीके से साफ-सफाई होती है और पूरे घर को धो दिया जाता है. माना जाता है कि घर की साफ-सफाई कर देने से नकारात्मक शक्तियां घर से निकल जाती हैं. 
 
साथ ही अंतिम संस्कार के बाद शोकाकुल के लिए भोजन तैयार किया जाता है. और शुरू से ये परंपरा रही है कि इस काम के लिए औरतों को ही उपयुक्त माना गया है. यही वजह है कि महिलाओं को घर के इन्हीं कामों के कारण अंतिम संस्कार में जाने से रोका जाता है. 
 
इतना ही नहीं, मान्यता ये भी है कि श्मशान में आत्माओं का वास होता है और इन भूत-प्रेतों और आत्माओँ से सबसे अधिक खतरा महिलाओं को होता है. हमारे समाज में मान्यता ये भी हबै कि भूत-प्रेत वर्जिन महिलाओं के ऊपर सबसे पहले अटैक करता है. 
 
इसके अलावा कारण ये भी बताए जाते हैं कि हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक, अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों को अपने बाल के मुंडन करवाने होते हैं. अगर महिलाएं भी इसमें शामिल होती हैं तो उन्हें भी इस प्रथा का पालन करना होगा. यही वजह है कि महिलाओं को अंतिम संस्कार में शामिल होने से रोक दिया जाता है. 
 
माना तो ये भी जाता है कि महिलाओं का दिल पुरुषों की अपेक्षा काफी कोमल होता है. ऐसा कहा जाता है कि श्मशान घाट पर रोने से आत्मा को शांति नहीं मिलती है. हालांकि, इन मान्यताओं में कितनी सच्चाई है यो कोई नहीं जानता. मगर बनी-बनाई परंपरा है जिसे लोग मान रहे हैं. मगर ये मान्यताएं भी धीरे-धीरे टूटने लगी हैं. 

Tags