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Varalakshmi Vratam 2017 : मां लक्ष्मी की अपार कृपा पाने के लिए रखें ये व्रत

हर साल रक्षा बंधन पूर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को 'वरलक्ष्मी-व्रत' रखा जाता है, इस व्रत की अपनी खास महिमा है. इस व्रत को रखने से घर की दरिद्रता खत्म हो जाती है, साथ ही परिवार में सुख-संपत्ति बनी रहती है.

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  • Last Updated: August 3, 2017 04:43:10 IST
नई दिल्ली :  हर साल रक्षा बंधन पूर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को ‘वरलक्ष्मी-व्रत’ रखा जाता है, इस व्रत की अपनी खास महिमा है. इस व्रत को रखने से घर की दरिद्रता खत्म हो जाती है, साथ ही परिवार में सुख-संपत्ति बनी रहती है. इस साल 4 अगस्त को ‘वरलक्ष्मी-व्रत’ रख आप भी संकटों से छुटकारा पा सकते हैं और साथ ही मां लक्ष्मी की भी अपार कृपा पा सकते हैं. बता दें कि इस व्रत की दक्षिण भारत में अधिक मानयता 
 
पूजा-विधि
 
इस व्रत को रखने से पूर्व आपके लिए पूजा-विधि जान लेना बेहद जरूरी है, इस दिन प्रात: उठकर स्नान आदि के बाद घर में पूजा के स्थान पर चौक या रंगोली बनाएं. मां लक्ष्मी की मूर्ति को नए कपड़ों, जेवर और कुमकुम से सजाएं, ऐसा करने के बाद एक पाटे पर गणपति जी की मूर्ति के साथ मां लक्ष्मी की मूर्ति को पूर्व दिशा में रखें. 
 
 
पूजा स्थान पर थोड़े चावल फैलाएं, एक कलश के चारों ओर चंदन लगाएं, याद रखें कि कलश में आधे से ज्यादा चावल भर लें, साथ ही पान के पत्ते, खजूर और चांदी का सिक्का भी डालें. मार्केट से नारियल भी खरीद कर पहले ही ले आएं, इसके बाद नारियल पर चंदन,हल्दी और कुमकुम लगाने के बाद कलश पर रख दें. नारियल के पास आसपास आम के पत्ते लगाएं. 
 
पूजा की थाली में एक नया लाल कपड़ा और चावल रखें, मां की मूर्ति के समक्ष दीया जलाएं और साथ ही वरलक्ष्मी व्रत की कथा पढ़ें, पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद महिलाओं को बांटें.
 
 
कौन रख सकता है ‘वरलक्ष्मी-व्रत’  
 
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि इस व्रत को केवल शादीशुदा महिलाएं ही कर सकती है, इसका मतलब ये है कि कुवांरी लड़कियों के लिए व्रत रखना वर्जित है. अगर पत्नी के साथ उनके पति भी इस व्रत को रखा जाए तो इसका महत्व कई गुना तक बढ़ जाता है. 

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