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Durga Ashtami 2017: अष्टमी पर ऐसे करें महागौरी की आराधना, तभी मिलेगा पूजा का फल

Durga Ashtami 2017: नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है. महागौरी मां दुर्गा के आठंवा रूप हैं. मां गौरी की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस अवसर पर पूजा-पाठ और कन्या पूजन किया जाता है.

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  • Last Updated: September 27, 2017 08:58:47 IST
नई दिल्ली. नवरात्रि 2017 के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है. महागौरी मां दुर्गा के आठंवा रूप हैं. मां गौरी की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस अवसर पर पूजा-पाठ और कन्या पूजन किया जाता है. महागौरी की पूजा को कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है. मां गौरी भगवान गणेश की मां और शिव की पत्नी हैं. जैसा कि सब जानते हैं कोई भी पूजा करने से पहले हमेशा भगवान गणेश की पूजा होती है. इसीलिए महागौरी की पूजा आरंभ करने से पहले गजानन गणेश की पूजा करें.
इसीलिए जरूरी है भगवान गणेश की पूजा
सभी शुभ कार्यों में सर्वप्रथम गणेश को पूजना आवश्यक होता है. इनकी पूजा का उल्लेख समस्त पुराणों में दिया गया है. भगवान गणेश को वरदान प्राप्त है की किसी भी शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा अनिवार्य है, बिना गणेश की पूजा के किसी भी पवित्र कार्य को सम्पूर्ण नहीं माना जा सकता. इसीलिए बेहद जरूरी है भगवान गणेश की पूजा.
नवरात्रि में Durga Ashtami 2017 का महत्व
नवरात्रि के आठवें दुर्गा के महागौरी रूप का पूजन किया जाता है. मां गौरी का नाम गौरी इसीलिए है क्योंकि ये खूब सुंदर, अति गौर वर्ण हैं. जिसके कारण इन्हें मां दुर्गा के इस रूप को मां गौरी कहा जाता है. मां गौरी का पूजन करने से असंभव कार्य भी पूरे होते है. सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है. सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. और भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.
Durga Ashtamiको होता है कन्या पूजन
माता महागौरी अन्नपूर्णा स्वरूप है. इसीलिए अष्टमी के दिन अन्नकूट पूजा यानि कन्या पूजन करना अति उत्तम माना जाता है. इस दिन लोग कन्याओं और ब्रह्रामणों को भोज करवाया जाता है. इस दिन लोग छोले, पूड़ी, खीर, हलवा आदि का महागौरी को भोग लगाकर कन्याओं को भोज करवाया जाता है.
Durga Ashtamiपूजन का शुभ मुहूर्त
28 सितंबर 2007- इस बार अष्टमी 27 सितंबर से शाम 7.08 मिनट पर शुरू हो जाएगी. अष्टमी पूजन 28 सितंबर को शाम 9.36 मिनट तक रहेगा. इसीलिए भक्त 28 सितंबर की सुबह कन्या पूजन कर सकते हैं.
मांमहागौरी की पूजा के दौरान इन मंत्रों का उच्चारण करें
1. ॐ महागौर्य: नम:
2. ॐ नवनिधि गौरी महादैव्ये नम: 

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