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करवा चौथ 2017 : मिठाई नहीं बल्कि पूरा बताशा खाकर खोलें व्रत

रविवार को सभी सुहागनें अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखने वाली हैं. दिन भर भूखे रहने के बाद पत्नियां चांद और अपने पिया का चेहरा देखने के बाद व्रत खोलती हैं. ऐसे में मिठाई खाकर नहीं बल्कि पूरा बताशा खाकर व्रत खोलना चाहिए.

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  • Last Updated: October 6, 2017 13:51:47 IST
नई दिल्ली : आज करवा चौथ के खास अवसर पर फैमिली गुरु जय मदान बताएंगी कि रात को जब आप चांद देखकर व्रत खोलें तो ऐसे में मिठाई नहीं बल्कि पूरा बताशा खाकर व्रत खोलें. आपने अक्सर देखा होगा कि चांद देखकर पति, पत्नी को पानी पिलाता है और फिर पत्नी, पति के साथ से मिठाई खाकर व्रत खोलती हैं. लेकिन जय मदान के मुताबिक ऐसा करने से प्यार नहीं बल्कि आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं इसलिए जब भी आप अपनी पत्नी का व्रत खोलें तो पूरा बताशा खिलाकर.
 
जी हां, किसी भी तरह की मिठाई की जगह अगर सुहागन औरतें बताशा खाकर व्रत खोलें तो ज्यादा अच्छा माना जाता है. वह भी आधा नहीं बल्कि पूरा बताशा खाकर व्रत खोलना चाहिए.  
 
करवा चौथ प्यार का त्योहार है, पूर्णता का त्योहार है, ऐसे में व्रत खोलने के लिए अगर पत्नियां बताशा खाती हैं तो वह उनके पतियों के साथ उनके रिश्तों को पूर्ण बनाता है. आजकल के समय में लोग केवल पानी पीकर, मिठाई खाकर व्रत खोलते हैं, लेकिन ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.
 
खाएं पूरा बताशा
दिन भर बिना खाना खाए, बिना पानी पिए रहने के बाद व्रत खोलने के लिए सुहागनों को पूरा बताशा खाना चाहिए, आधा या टूटा बताशा नहीं, क्योंकि वह पूर्ण है और चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और रिश्ते को भी पूर्ण बनाता है.
 
बताशा आधा खाकर एक-दूसरे को ना खिलाएं, बल्कि पूरा साबुत बताशा खाएं. ताकि आपके अंदर पूर्णता आए, क्योंकि जब हम अंदर से पूर्ण होते हैं तभी दूसरे को प्यार दे पाते हैं.
 

क्यों होती है चांद की पूजा ?
चंद्रमा को शांति और शीतलता का प्रतीक माना जाता है और इससे मिली मानसिक शांति से रिश्ते मजबूत होते हैं. यह भी देखा गया है कि ज्यादातर लोग जो मोक्ष को प्राप्त हुए हैं वह भी चंद्रमा वाले दिन यानी पूर्णिमा वाले दिन ही प्राप्त हुए है. जैसे समुद्र को चंद्रमा रेगुलेट करता है वैसे ही हमारे मन को भी चंद्रमा रेगुलेट करता है. 
 
चंद्रमा को लंबी आयु का वरदान मिला है. चांद के पास  प्रेम और प्रसिद्धि है. यही वजह है कि सुहागिने चंद्रमा की पूजा करती हैं. जिससे ये सारे गुण उनके पति में भी आ जाए. करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं. इस व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन किया जाता है. करवा चौथ की भी अपनी एक कहानी है जिसे स्त्रियां कथा के रूप में व्रत के दिन सुनती हैं.
 

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