गोवर्धन पूजा 2017: भगवान श्रीकृष्ण को 56 पकवानों का भोग लगाने के पीछे का रहस्य
गोवर्धन पूजा 2017: भगवान श्रीकृष्ण को 56 पकवानों का भोग लगाने के पीछे का रहस्य
आज गोवर्धन पूजा 2017 का त्योहार बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा है, हम सभी ने बचपन से एक बात सुनी है कि भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाया जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर 56 का आंकड़ा आया कहां से ?
नई दिल्ली : आज गोवर्धन पूजा 2017 का त्योहार बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा है, हम सभी ने बचपन से एक बात सुनी है कि भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाया जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर 56 का आंकड़ा आया कहां से ? शायद आप लोग इस बात से अंजान होंगे कि धर्मग्रंथों में 56 भोग की महिमा के बारे में बताया गया है. 56 भोग के पीछे कई कथाएं भी प्रचलित हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण एक दिन में अष्ट पहर (आठ बार) भोजन करते थे, मां यशोदा उन्हें अलग-अलग पकवान बनाकर खिलाती थीं. गोवर्धन पूजा का अपनी ही खास महत्व है.
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि ये बात उस समय कि है जब इंद्र के प्रकोप से ब्रज को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था. सात दिनों तक भगवान श्रीकृष्ण ने अन्न जल ग्रहण नहीं किया था. आठवें दिन जब वर्षा थमी तो भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को घर जाने के लिए कहा और फिर उन्होंने गोवर्धन पर्वत को जमीन भी रख दिया. मां यशोदा और ब्रजवासियों को ये बात बिल्कुल पंसद नहीं आई कि एक दिन में आठ बार भोजन करने वाले कन्हैया एक या दो नहीं बल्कि सात दिनों तक भूखे रहे. आठवें दिन वर्षा रुकने के बाद जब सभी ब्रजवासी अपने घर चले गए तो पूरे गांव वालों ने सातों दिन के आठ प्रहर के हिसाब से पकवान बनाए और भगवान को भोग लगाया. उसी दिन से भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की प्रथा चली आ रही है.