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संकष्टी चतुर्थी 2017: अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

संकष्टी चतुर्थी 2017 आज 7 नवंबर 2017 को मनाई जा रही है. हिंदू पंचाग के मुताबिक, हर महीने दो बार पड़ने वाली चतुर्थी में एक संकष्टी चतुर्थी और दूसरी वैनायकी चतुर्थी होती है. बता दें कि संकष्टी चतुर्थी पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है.

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  • Last Updated: November 7, 2017 06:01:24 IST

नई दिल्ली: संकष्टी चतुर्थी 2017 आज 7 नवंबर 2017 को मनाई जा रही है. हिंदू पंचाग के मुताबिक, हर महीने दो बार पड़ने वाली चतुर्थी में एक संकष्टी चतुर्थी और दूसरी वैनायकी चतुर्थी होती है. बता दें कि संकष्टी चतुर्थी पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है. अगर कोई व्यक्ति कर्ज के बोझ तले दबा हुआ हो तो कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करने से वह कर्ज से मुक्ति पा सकता है. क्या आप जानते हैं कि शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. आइए आपको संकष्टी चतुर्थी का अर्थ समझाते हैं, संकष्टी का मतलब संकटों को दूर करने वाला और चतुर्थी का अर्थ चांद्र मास के किसी पक्ष की चौथी तिथि होता है.

कर्ज से मुक्ति पाने के उपाय
 
हिंदू धर्म के अमनुसार, भगवान गणेश को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना जाता है. संकष्टी चतुर्थी को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन लोगों को चांद देखकर ही भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
सबसे पहले एक केले का पता या थाली लीजिए फिर उसमें रोली से एक त्रिकोण का निशान बनाएं. त्रिकोण के निशान के सामने एक दीपक जलाएं और उसके बीच में 900 ग्राम मसूर की दाल और सात खड़ी, यानी साबुत लाल मिर्च रखें और 108 बार ये मंत्र पढ़ें- ‘अग्ने सखस्य बोधि नः’
 
संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त
 
संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त तब है, जब चंद्रमा का उदय होता है, समय के हिसाब से शाम 6 बजे से लेकर 7 बजे तक पूजा करने से लाभ मिलेगा. बताई गई विधि अनुसार पूजा करने से भक्तों की जो भी मनोकामनाएं हैं वो पूरी हो जाएंगी.
 
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