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गरुड़ पुराण के अनुसार ये 5 काम करेंगे, तो पक्का नरक जाना तय!

हिंदू धर्म के 18 पुराणों में गरुड़ पुराण को खास महत्व दिया गया है, इसे 'महापुराण' भी कहा जाता है। इस पुराण का पाठ केवल उस समय

Garuda Purana
inkhbar News
  • Last Updated: September 21, 2024 22:40:23 IST

नई दिल्ली: हिंदू धर्म के 18 पुराणों में गरुड़ पुराण को खास महत्व दिया गया है, इसे ‘महापुराण’ भी कहा जाता है। इस पुराण का पाठ केवल उस समय किया जाता है, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ करने से मृत आत्मा मोह से मुक्त हो जाती है और अपने गंतव्य की ओर चली जाती है।

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा को स्वर्ग या नरक में जगह उसके कर्मों के आधार पर मिलती है। जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें स्वर्ग मिलता है और बुरे कर्म करने वालों को नरक में दंड भुगतना पड़ता है। इस पुराण में 5 ऐसे कामों का जिक्र है, जिन्हें करने से व्यक्ति को नरक का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं वो कौन से काम हैं।

मित्र से धोखा देना

गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने मित्र से धोखा करता है, उसे धोखेबाजी से नुकसान पहुंचाता है या झूठ बोलता है, तो उसे नरक में भेजा जाता है। ऐसे व्यक्ति को अगले जन्म में गिद्ध बनकर सड़े-गले मरे हुए जानवरों का मांस खाना पड़ता है।

अनैतिक काम वासना

अनैतिक तरीके से काम वासना में लिप्त रहना या पुण्य तिथि, व्रत, श्राद्ध और पितृपक्ष में शारीरिक संबंध बनाना भी गरुड़ पुराण के अनुसार, गंभीर पाप है। ऐसे लोग मरने के बाद रौरव नामक भयावह नरक में जाते हैं और कठिन दंड भोगते हैं।

अधर्म का रास्ता

गरुड़ पुराण कहता है कि जो लोग अधर्म के रास्ते पर चलकर गलत तरीके से धन कमाते हैं, उनका धन जीवनकाल में ही समाप्त हो जाता है। मृत्यु के बाद ऐसे लोगों को अनेक तरह की सजा दी जाती है और वे अंधतामिस्र नामक नरक में फेंके जाते हैं।

परिवार के साथ बुरा व्यवहार

जो व्यक्ति अपने माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्यों को प्रताड़ित करता है या उनके साथ गलत व्यवहार करता है, उसके लिए गरुड़ पुराण में गंभीर सजा का उल्लेख है। ऐसे व्यक्ति की मृत्यु गर्भ में ही हो जाती है और वह लंबे समय तक धरती पर जन्म नहीं ले पाता।

ईश्वर की उपेक्षा करना

गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग भगवान को भूलकर सिर्फ अपने और अपने रिश्तेदारों के सुखों में लगे रहते हैं और जरूरतमंदों की मदद नहीं करते, उन्हें मृत्यु के बाद नरक में विभिन्न तरह के कष्ट भोगने पड़ते हैं। ऐसे लोग साधु-संतों और गरीबों को दान करने से भी कतराते हैं, जिससे उनका नरक जाना तय होता है।

गरुड़ पुराण हमें सिखाता है कि जीवन में गलत कर्म करने से बचना चाहिए। जो लोग मित्रों से धोखा करते हैं, अनैतिक कामों में लिप्त रहते हैं, अधर्म का रास्ता अपनाते हैं, परिवार को कष्ट देते हैं और ईश्वर को भूल जाते हैं, उन्हें नरक का भयंकर दंड भुगतना पड़ता है। इसलिए, जीवन को सही मार्ग पर चलाना ही हमारा कर्तव्य है।

 

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