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वसंत पंचमी 2024: इस शुभ समय में मां सरस्वती की पूजा करने से आपको मिलेगी खुशियां

नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. ये त्योहार मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है. बता दें कि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था, और मान्यता है कि वसंत पंचमी […]

वसंत पंचमी
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  • Last Updated: February 2, 2024 10:30:21 IST

नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. ये त्योहार मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है. बता दें कि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था, और मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती सफेद कमल के फूल पर बैठकर हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है.Vasant Panchmi 2020 Saraswati Puja Katha And Basant Panchmi Ki Kahani-  Vasant Panchmi 2020 Saraswati Puja Katha: मां सरस्वती की उत्पत्ति व उनके  नामकरण की कथा

साथ ही वसंत पंचमी वसंत ऋतु की शुरुआत का भी प्रतीक है, और शास्त्रों के अनुसार वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा से देवी लक्ष्मी और मां काली भी प्रसन्न होती हैं. हालांकि इस साल वसंत पंचमी 14 फरवरी को है. बता दें कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करें, जिससे बच्चों का मन लगे पढ़ाई में तो आइए जानते है कि पूजा का शुभ मुहूर्त कब है…

वसंत पंचमी की तिथि और इस मुहूर्त में करें मां सरस्वती की पूजा

बता दें कि हिंदू पंचांग के मुताबिक माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर ख़त्म होगी. दरअसल उदया तिथि को देखते हुए वसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा, और 14 फरवरी को वसंत पंचमी वाले दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 1 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक होगा. हालांकि इस मुहूर्त में पूजा और प्रार्थना करके आप मां सरस्वती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.

वसंत पंचमी पूजा विधि

1. वसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान आदि करके पीले या सफेद रंग का वस्त्र पहने,और उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें.
2. पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति और तस्वीर स्थापित करें, और मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं, इसके बाद फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं.
3. इसके दौरान पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन और पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप, गंध आदि चढ़ाए.
4. इस दिन सरस्वती माता को गेंदे के फूल की माला पहनाएं, और साथ ही पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं.
5. इसके बाद सरस्वती वंदना और मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें.
6. पूजा के समय सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं.
7. और फिर आखिरी में खड़े होकर मां सरस्वती की आरती करें.

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