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CharDham Yatra: इतिहास में पहली बार शुरू होगी चारधाम यात्रा, जानें कौन हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी ?

नई दिल्ली: उत्तराखंड की चार धाम यात्रा(CharDham Yatra) सर्दी के मौसम में बंद हो जाती है लेकिन इस बार इतिहास में पहली बार ऐसा होने वाला है कि कड़ाके की ठंड के बीच चार धाम यात्रा की शुरुआत होगी। बता दें कि यात्रा की शुरुआत जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद करेंगे, वहीं 7 दिन की ये यात्रा […]

CharDham Yatra
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  • Last Updated: December 25, 2023 18:48:02 IST

नई दिल्ली: उत्तराखंड की चार धाम यात्रा(CharDham Yatra) सर्दी के मौसम में बंद हो जाती है लेकिन इस बार इतिहास में पहली बार ऐसा होने वाला है कि कड़ाके की ठंड के बीच चार धाम यात्रा की शुरुआत होगी।

बता दें कि यात्रा की शुरुआत जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद करेंगे, वहीं 7 दिन की ये यात्रा 27 दिसंबर 2023 से आरंभ होगी और 2 जनवरी 2024 को इस यात्रा का समापन होगा। जानकारी दे दें कि इस ऐतिहासिल चार धाम यात्रा का शुभारंभ करेंगे जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी।

जानें कौन हैं अविमुक्तेश्वरानंद जी ?

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में 15 अगस्त 1969 को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद(CharDham Yatra) का जन्म हुआ। इनका असली नाम उमाशंकर है। शंकराचार्य के स्वर्गवासी माता-पिता का नाम पंडित राम सुमेर पांडेय और माता अनारा देवी है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद प्राथमिक शिक्षा प्रतापगढ़ में ही हुई लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए 9 साल की उम्र में परिवार की सहमति के बाद शंकराचार्य गुजरात चले गए थे। वहां पर धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के शिष्य ब्रह्मचारी रामचैतन्य के सानिध्य में गुरुकुल में संस्कृत शिक्षा की ग्रहण की थी।

 

ऐसे होगी शीतकालीन चार धाम यात्रा

गौरतलब है कि हरिद्वार में श्रीशंकराचार्य मठ से 27 दिसंबर 2023 को यह यात्रा आरंभ होगी। जिसके बाद 28 और 29 दिसंबर को उत्तरकाशी वा 30 दिसंबर को भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा स्थली ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर, दिसंबर 31 को बद्रीकाश्रम हिमालय, नए साल में 1 जनवरी 2024 को ज्योतिर्मठ और 2 जनवरी को हरिद्वार में यात्रा का समापन होगा।

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