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आने वाले पितृपक्ष में भूलकर भी न खरीदें ये चीजें, लग सकता है पितृदोष

नई दिल्ली: पितृपक्ष, हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण समय माना जाता है, जब लोग अपने पितरों (पूर्वजों) का तर्पण करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यह समय श्राद्ध के रूप में भी जाना जाता है, और इसमें पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा और दान का विशेष महत्व होता है। […]

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  • Last Updated: September 13, 2024 08:44:15 IST

नई दिल्ली: पितृपक्ष, हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण समय माना जाता है, जब लोग अपने पितरों (पूर्वजों) का तर्पण करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यह समय श्राद्ध के रूप में भी जाना जाता है, और इसमें पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा और दान का विशेष महत्व होता है। इस समय कुछ वस्तुओं को खरीदना शुभ नहीं माना जाता, और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी वर्जित बताया गया है। आइए जानते हैं, पितृपक्ष में कौन-सी पांच चीजें भूलकर भी नहीं खरीदनी चाहिए:

1. नया घर या जमीन

पितृपक्ष में घर या जमीन खरीदने की मनाही होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय में नई संपत्ति खरीदना शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि यह काल पितरों का होता है और नया कार्य शुरू करने के लिए यह समय उचित नहीं माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, पितृपक्ष में किए गए नए काम सफल नहीं होते और परिवार में शांति भंग हो सकती है।

2. नया वाहन

पितृपक्ष के दौरान नया वाहन खरीदना भी अशुभ माना जाता है। इस समय को नई चीजें खरीदने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता क्योंकि इस अवधि में पितरों की पूजा और तर्पण पर ध्यान देना चाहिए, न कि व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं पर। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय वाहन खरीदने से दुर्घटना या किसी अनहोनी की संभावना बढ़ सकती है।

3. गहने और आभूषण

पितृपक्ष में गहने और आभूषण खरीदना वर्जित माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस समय पितरों की पूजा और तर्पण करने के बजाय धन-संपत्ति और विलासिता की चीजों पर ध्यान देना अनुचित होता है। इस दौरान धन खर्च करने के बजाय दान-पुण्य और पितरों के प्रति श्रद्धा दिखाने पर जोर दिया जाता है।

4. नए कपड़े

पितृपक्ष के समय नए कपड़े खरीदने और पहनने से भी बचना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह समय आत्मा की शांति और पूजा का है, न कि धूमधाम से कोई उत्सव मनाने का। नए कपड़े पहनना या खरीदना इस दौरान अशुभ माना जाता है और इसे पितरों के प्रति अनादर के रूप में देखा जाता है।

5. शुभ कार्यों की सामग्री

पितृपक्ष के समय शादी, गृह प्रवेश या अन्य किसी शुभ कार्य के लिए आवश्यक सामग्री की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। यह समय धार्मिक रूप से पितरों को समर्पित होता है, और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना अनुचित माना गया है। इस अवधि में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते, इसलिए इसके लिए सामग्री की खरीदारी करना भी टाला जाता है।

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