नई दिल्ली: हिंदू धर्म के अनुसार घर की दहलीज या मुख्य द्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। क्योंकि वास्तु शास्त्र में ऐसे नियमों के बारे में बताया गया है, जिनका पालन ना करने से घर की सुख-समृद्धि चली जाती है। आइए जानते हैं घर के दहलीज पर जूते-चप्पल उतारने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व होता है। वास्तु से जुड़े कई नियमों में एक है घर का मुख्य द्वार। मान्यता है कि मुख्य द्वार से ही घर में सकारात्मकता और समृद्धि आती हैं। मां लक्ष्मी का वास भी मुख्य द्वार से ही होता है। इसलिए घरों के मुख्य द्वार को गन्दा रखना आपके लिए परेशानियों का कारण बन सकता हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल कभी नहीं उतारने चाहिए और ना ही जूते-चप्पलों का ढेर लगाना चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है और कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। शास्त्र में इसके कारण और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया है। जिसे अपना कर आप सुखी रहेंगे और भविष्य में होनी वाली अशुभ घटना से भी बच जाएंगे।
घर के मुख्य द्वार या दहलीज पर राहु ग्रह का वास होता है। इसलिए अगर पर दहलीज पर जूते-चप्पल उतारते हैं तो इससे आप पर राहु का दुष्प्रभाव बढ़ता है। राहु का अशुभ प्रभाव आपके परिवार में अशांति और दुर्भाग्य का कारण बनता है। इसके अलावा घर पर मां लक्ष्मी का वास भी नहीं होता है, जिससे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। घर के मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल उतारना घर की अपवित्रता को दर्शाता है। जूते-चप्पल को दहलीज पर उतारने के बजाय शू रैक का इस्तेमाल करना चाहिए और व्यवस्थित ढंग से जूते-चप्पलों को शू रैक में ही रखना चाहिए। क्योंकि दहलीज पर बिखरे जूते-चप्पलों से नकारात्मक ऊर्जा बहुत तेजी से बढ़ती है।
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