Inkhabar
  • होम
  • अध्यात्म
  • अहोई अष्टमी के व्रत में करें ये आसान उपाय, चमक जाएगी संतान की सोई तकदीर, अहोई माता की बरसेगी कृपा

अहोई अष्टमी के व्रत में करें ये आसान उपाय, चमक जाएगी संतान की सोई तकदीर, अहोई माता की बरसेगी कृपा

नई दिल्ली: अहोई अष्टमी का व्रत माता-पिता द्वारा अपनी संतान की लंबी उम्र, समृद्धि और सफलता की कामना के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं खासतौर पर अपनी संतान की भलाई के लिए व्रत रखती हैं और भगवान से संतान के लिए विशेष आशीर्वाद मांगती हैं। इसे दिवाली से पहले मनाया जाता है और […]

Inkhabar
inkhbar News
  • Last Updated: October 23, 2024 10:12:25 IST

नई दिल्ली: अहोई अष्टमी का व्रत माता-पिता द्वारा अपनी संतान की लंबी उम्र, समृद्धि और सफलता की कामना के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं खासतौर पर अपनी संतान की भलाई के लिए व्रत रखती हैं और भगवान से संतान के लिए विशेष आशीर्वाद मांगती हैं। इसे दिवाली से पहले मनाया जाता है और इस दिन कुछ खास उपाय करने से संतान की सोई किस्मत जाग सकती है। यहां हम आपको कुछ आसान और दिव्य उपायों के बारे में बता रहे हैं जो इस व्रत के दौरान जरूर करने चाहिए।

1. अहोई माता की पूजा करें

अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा करना अनिवार्य है। पूजन के दौरान अहोई माता की तस्वीर या प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और उन्हें दूध, फल, मिठाई और सिंघाड़े का भोग अर्पित करें। इसके बाद मां अहोई को धागा अर्पित करें, जिसे संतान की सुरक्षा के लिए बांधा जाता है।

2. संतान के नाम से दान करें

इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को संतान के नाम से दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप अन्न, कपड़े या धन का दान कर सकते हैं। इससे संतान के जीवन में सुख-समृद्धि और तरक्की आती है। इसके अलावा अहोई माता की कृपा भी मिलती है।

3. आटे के दीपक का प्रज्वलन

अहोई अष्टमी पर आटे से बना दीपक जलाने की परंपरा है। इस दीपक को संतान के नाम से प्रज्वलित करें और इसे अहोई माता के सामने रखें। यह उपाय संतान के जीवन में प्रकाश और सफलता लाने का प्रतीक है।

4. नौकायन दीप जलाएं

इस दिन नदी या किसी जलाशय में जाकर नौकायन दीप जलाने से संतान की तकदीर चमक जाती है। पानी में दीप प्रवाहित करने से संतान के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसका भविष्य उज्ज्वल होता है। इसे करने से माता अहोई की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

5. चंद्रमा की पूजा

अहोई अष्टमी के दिन शाम के समय चंद्रमा की पूजा करना विशेष महत्व रखता है। पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करें और संतान की सुरक्षा और सफलता के लिए प्रार्थना करें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और संतान की उन्नति होती है।

6. कहानी सुनना और सुनाना

अहोई अष्टमी की पूजा के बाद अहोई माता की कथा का श्रवण करना अत्यधिक फलदायक माना गया है। इस कथा में माता अहोई द्वारा किए गए त्याग और संतान की रक्षा की गाथा सुनाई जाती है। इससे जीवन में धैर्य और साहस की भावना उत्पन्न होती है, और संतान को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

Also Read…

इन राशियों के भाग्य में होने वाला है बड़ा परिवर्तन, सूर्य की कृपा से मिलेंगे इतने लाभ, हो जाएंगे मालामाल

रूस को लेकर ऐसा क्या बोल गए जयशंकर, पश्चिमी देशों में मच गया हड़कंप, अमेरिका ने फुलाया मुंह