नई दिल्ली: हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा को अत्यंत पावन माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। इस वर्ष प्रयागराज में 144 वर्षों बाद आयोजित महाकुंभ के कारण माघी पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ गया है। इसी बीच आइए जानते है माघी पूर्णिमा पर स्नान के पश्चात आपको क्या करना चाहिए, जिससे आपके जीवन में सभी दुखों का होगा निवारण होगा।

श्रद्धालुओं का संगम में सैलाब

महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख स्नान पर्वों के बाद अब करोड़ों श्रद्धालु माघ पूर्णिमा पर संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे हैं। प्रशासन के अनुसार, सुबह 6 बजे तक लाखों श्रद्धालु स्नान कर चुके थे और दिनभर में यह संख्या 2.5 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि इस बीच प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और लगातार स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है.

स्नान के बाद करें ये काम

माघ पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के बाद अन्न, धन, तिल, गुड़ और घी का दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इसके अलावा पितरों की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने की भी परंपरा है। इस दिन गरीबों को भोजन कराने से विशेष लाभ मिलता है और पापों से मुक्ति मिलती है। महाकुंभ 2025 में यह पांचवां प्रमुख स्नान पर्व है। 13 जनवरी से अब तक 46 करोड़ श्रद्धालु गंगा में स्नान कर चुके हैं। अब अगला और अंतिम प्रमुख स्नान पर्व महाशिवरात्रि यानी 26 फरवरी को होगा।

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