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Eid-ul-Fitra 2021: खत्म होने को है रमजान का पाक महीना, जानिए कब मनाई जाएगी ईद, ईद का चांद से क्या है कनेक्शन?

Eid-ul-Fitra 2021 : रमजान का पवित्र महीना समाप्ति की ओर है। रोजे पूरे होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस्लाम धर्म में ये मान्यता है कि अल्लाह की तरफ से ईद रोजेदारों के लिए एक तोहफा है। इसे ईद-उल-फित्र या मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। रमज़ान के महीने में 28 या 29 दिन का रोजा होता है। जिसके बाद ईद का त्योहार आता है। रमजान के महीने के बाद शव्वाल का महीना आता है जिसकी पहली तारीख को ही ईद का त्योहार मनाया जाता है। ये तारीख चांद के हिसाब से तय की जाती है। यानी अगर रमजान की 28 तारीख को चांद निकलता है तो रोजा 28 दिन का होगा और अगर 28 को नहीं निकलता तो फिर 29 का मान लिया जाता है।

Eid-ul-Fitra 2021
inkhbar News
  • Last Updated: May 12, 2021 16:06:30 IST

नई दिल्ली. रमजान का पवित्र महीना समाप्ति की ओर है। रोजे पूरे होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस्लाम धर्म में ये मान्यता है कि अल्लाह की तरफ से ईद रोजेदारों के लिए एक तोहफा है। इसे ईद-उल-फित्र या मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है।

रमज़ान के महीने में 28 या 29 दिन का रोजा होता है। जिसके बाद ईद का त्योहार आता है। रमजान के महीने के बाद शव्वाल का महीना आता है जिसकी पहली तारीख को ही ईद का त्योहार मनाया जाता है। ये तारीख चांद के हिसाब से तय की जाती है। यानी अगर रमजान की 28 तारीख को चांद निकलता है तो रोजा 28 दिन का होगा और अगर 28 को नहीं निकलता तो फिर 29 का मान लिया जाता है।

इस बार ईद कब?

जैसा कि हमने आपको बताया कि चांद के हिसाब से ईद का त्योहार मनाया जाता है। तो इस तरह से अगर 28 को चांद नजर आया तो ऐसे में ईद 13 मई को होगी और अगर चांद नहीं निलकता है तो फिर 14 मई को मनाई जाएगी। रोजेदार इफ्तार करके और मगरिब की नमाज अदा करके चांद का दीदार करते हैं।

चांद रात भी है अहम

जिस शाम ईद का चांद नजर आता है वो भी अहम माना जाता है। लोग चांद को देखकर दुआएं मांगते हैं और अपने प्रियजनों से सलाम करके दुआ लेते हैं। आर्थिक तौर पर भी चांद रात अहम होती है। बाजारों में इस रात काफी रौनक दिखाई देती है। महिलाएं, बच्चे, बड़े या बूढ़े हर वर्ग के लोग अपनी-अपनी जरूरत के हिसाब से खरीददारी करते हैं।

एक दूसरे से मिलना और दावत देना

ईद का त्योहार प्यार और भाई चारे का त्योहार माना जाता है। सुबह ईद की नमाज के बाद लोग आपस में गले लगकर एक दूसरे को बधाई देते हैं। इसके अलावा रिश्तेदारों और दोस्तों की दावत का सिलसिला शुरू होता है।

इस ईद को मीठी ईद इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसमें मीठी सेवई का बड़ा महत्व है। तरह-तरह की सेवइयां बनाई जाती हैं।

कोरोना ने फीका किया जायका

कोरोना काल में सभी त्योहारों का रंग फीका पड़ा है। इससे ईद भी अछूती नहीं रही है। सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से न तो लोग एक दूसरे से मिल पा रहे हैं न ही सेवइयों की दावत हो रही है।

लेकिन ईद तो प्यार का त्योहार है, तो दूर ही सही आप अपनों की सलामती के लिए फोन पर प्यार बांट सकते हैं। क्योंकि इस ईद ये ही आपके और अपनो के लिए ईदी होगी।

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