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पहली बार रात से ही प्रारम्भ है शरद नवरात्रि , मुहूर्त ,तिथि और कलश स्थापना, जानें सबकुछ

नई दिल्ली – हिन्दू धर्म में हर पर्व की एक अनोखी अस्था है और वही बात मां दुर्गा के शरद नवरात्रि की हो तो अस्था और खुशी दोनो ही दुगनी हो जाती है. मां का ये पर्व एक नई उमंग लाता है और साथ ही लाता है झूलो का खुशियों का बेहतरीन तोहफा यानी विजय […]

पहली बार रात से ही प्रारम्भ है शरद नवरात्रि , मुहूर्त ,तिथि और कलश स्थापना
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  • Last Updated: October 14, 2023 20:45:36 IST

नई दिल्ली – हिन्दू धर्म में हर पर्व की एक अनोखी अस्था है और वही बात मां दुर्गा के शरद नवरात्रि की हो तो अस्था और खुशी दोनो ही दुगनी हो जाती है. मां का ये पर्व एक नई उमंग लाता है और साथ ही लाता है झूलो का खुशियों का बेहतरीन तोहफा यानी विजय दशमी मेला. इस बार 14 अक्टूबर की रात से ही नवरात्रि प्रांरभ है. मगर पहला दिन 15 अक्टूबर को ही माना जाएगा तो चलिए जानते है कब है शुभ मुहूर्त , नवमी और विजय दशमी.

जानें कब है शरद नवरात्रि

हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर 9 दिनो तक मनाई जाती है इस साल ये राविवार 15 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ होकर मंगलवार 23 अक्टूबर 2023 को समाप्त हो जाएंगे , वही 24 अक्टूबर 2023 को विजयादशमी यानी दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिनों की होने वाली है जिसमें पहले दिन कलश स्थापना की जाती है.

जानें शुभ मुहूर्त

आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर रात 11:24 मिनट से शुरू हो कर 15 अक्टूबर की दोपहर 12:32 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार शरद नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से ही होगी. तथा कलश स्थापना राविवार 15 अक्टूबर को कर सकते है. जिसके लिए मुहूर्त सुबह 06:30 मिनट से 08:47 मिनट तक रहेगा. इस समय कलश स्थापना की जा सकती है इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त जो सुबह 11:48 मिनट से लेकर दोपहर 12:36 मिनट तक रहेगा.

मां के नौ रूपो के नौ दिन

शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 अलग अलग की पूजा की जाती है पहले दिन कलश स्थापना की जाती है और मां दुर्गा, मां कली, मां सरस्वती की मुर्तियां रख कर उन्हे प्रति दिन जल सीचा जाता है, पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा तथा चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा कि जाती है. पांचवा दिन मां स्कंदमाता, छठा दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवां दिन मां महागौरी,नौवां दिन महानवमी.