Garuda Purana: हिंदू धर्म में कुल 18 पुराणों के बारे में बताया गया है। इन्हीं में से एक है गरुड़ पुराण। गरुड़ पुराण व्यक्ति के कर्मों और उनके आधार पर उसे मिलने वाले अच्छे-बुरे फलों के बारे में बताता है। गरुड़ पुराण के देवता भगवान विष्णु हैं। इसलिए इस पुराण को वैष्णव पुराण के नाम से भी जाना जाता है। व्यक्ति को अपने जीवन में अपने कर्मों का फल अवश्य मिलता है। मनुष्य को अपने कर्मों का फल उसकी मृत्यु के बाद भी मिलता है। गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं। जिससे व्यक्ति को अपनी मृत्यु का आभास पहले ही हो जाता है। व्यक्ति को पहले ही लगने लगता है कि उसकी मृत्यु निकट है।
13 दिनों तक घर में रहती है आत्मा
ऐसा माना जाता है कि आत्मा 13 दिनों तक घर में रहती है। इसलिए मृत्यु के बाद 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। साथ ही व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बारे में पहले ही पता चल जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपनी मृत्यु का 6 महीने पहले ही अनुमान लगा सकता है। इसके कुछ लक्षण भी हम देख सकते हैं। मृत्यु से पहले व्यक्ति को संकेत मिल जाते हैं। इसलिए भविष्य में होने वाली मृत्यु का 6 महीने पहले ही अनुमान लगाया जा सकता है।
मृत्यु से पहले मिलते हैं ये 7 संकेत
- व्यक्ति अपने हाथ से अपनी नाक का अगला हिस्सा नहीं देख पाता। अगर किसी के साथ ऐसा होता है तो समझ लीजिए कि उस व्यक्ति की मृत्यु निकट है।
- गरुड़ पुराण के अनुसार अगर पूजा के बाद दीपक बुझने के बाद भी व्यक्ति को उसकी खुशबू नहीं आती तो समझ लीजिए कि उस व्यक्ति की मृत्यु निकट है।
- अगर कोई व्यक्ति अपने दोनों कानों को उंगलियों से बंद करने के बाद भी अपने कानों में कोई आवाज नहीं सुन पाता है तो माना जाता है कि उस व्यक्ति की मृत्यु जल्द ही होने वाली है।
- अगर किसी व्यक्ति को पानी और तेल में अपनी परछाई दिखना बंद हो जाए तो माना जाता है कि करीब एक महीने में उसकी मृत्यु होने वाली है।
- अगर घर से निकलते ही कोई कुत्ता आपका पीछा करे और ऐसा चार दिन से ज्यादा तक होता रहे तो समझ लीजिए कि आपकी मृत्यु निकट है।
- गरुड़ पुराण के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु निकट होती है, तो उसे यमदूत दिखाई देने लगते हैं।
- जब मृत्यु निकट होती है, तो हाथों की रेखाएं फीकी पड़ जाती हैं या कभी-कभी पूरी तरह से गायब हो जाती हैं।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।