नई दिल्ली : इस साल होलिका दहन 24 मार्च को है और होली अगले दिन 25 मार्च को मनाई जाएगी. होली की तरह होलिका का भी हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. होलिका दहन की कहानी भगवान विष्णु के सच्चे भक्त प्रह्लाद और होलिका के बारे में है. बता दें कि कैसे क्रूर राजा हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका ने प्रह्लाद को मारने की योजना बनाई है, लेकिन भगवान की कृपा से असफल रहे है.
इन गलतियों को भूलकर भी ना करें
1. होलिका दहन वाले दिन किसी भी व्यक्ति को धन उधार में ना दें और ना ही किसी से उधार लें. ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती और परिवार में आर्थिक कठिनाइया बढ़नी शुरू हो जाती हैं.
2. होलिका दहन की अग्नि को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है, इसलिए किसी भी नवविवाहिता को होलिका की अग्नि नहीं देखनी चाहिए, इसे देखने से उनके वैवाहिक जीवन में परेशानिया शुरू हो सकती हैं.
3. इस दिन होलिका दहन के लिए पीपल, बरगद या आम की लकड़ियों का इस्तेमाल ना करें, ये पेड़ पूजनीय माने जाते हैं. साथ ही इस मौसम में इन वृक्षों पर नई कोपलें आती हैं, ऐसे में इन्हें जलाने से नकारात्मकता फैलती है. इस दिन आप चाहें तो गूलर या अरंडी के पेड़ की लकड़ी या उपलों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
4. होलिका दहन की रात बहुत से लोग टोटके वगैरह करते हैं, ऐसे में इस दिन सड़क पर पड़े किसी भी सामान को नहीं छूना चाहिए, क्योंकि वो टोटके वाली हो सकती है.
5. होलिका दहन के दिन बालों को खुला रखने से भी बचना चाहिए, वहीं होलिका दहन की रस्म करते वक्त पीले और काले रंग के कपड़े पहनने से भी बचना चाहिए.
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