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लक्ष्मण-भरत की चर्चा में राम के लिए शत्रुघ्न के इस त्याग को नहीं जानता कोई, जानिए रामायण की ये अनसुनी गाथा

एक रात माता कौशल्या विश्राम कर रही थीं तो उन्हें छत पर किसी के क़दमों की आहट सुनाई दी। माता जब छत पर पहुंचीं तो उन्होंने श्रुतकीर्ति टहल रही थीं। श्रुतकीर्ति माता सीता की सबसे छोटी बहन और शत्रुघ्न की पत्नी थीं। माता कौशल्या ने उनसे पूछा कि तुम इस वक़्त यहां हो, शत्रुघ्न कहाँ हैं?

Shatrughan
inkhbar News
  • Last Updated: November 21, 2024 11:04:18 IST

Ramayan: रामायण ने सनातनियों को परिवार के महत्व के बारे में समझाया है। भाइयों के बीच प्रेम कैसा होना चाहिए, इसकी सीख हमें रामायण से मिलती है। एकता का सर्वोत्तम उदाहरण राम और उनके तीनों भाई पेश करते हैं। कैकई के वचनों के कारण जब राम वन जाते हैं तो उनके साथ प्रिय लक्ष्मण भी लग जाते हैं। भरत अपने भाई के प्रेम में उनके खड़ाऊं से ही शासन चलाने लगते हैं। लक्ष्मण और भारत की चर्चा हर जगह होती है लेकिन बहुत कम लोग सबसे छोटे भाई शत्रुघ्न के त्याग के बारे में जानते हैं।

कहां थे शत्रुघ्न?

प्रभु राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ वन में रह रहे थे।अपने आराध्य राम के जाने से अयोध्या पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। एक रात माता कौशल्या विश्राम कर रही थीं तो उन्हें छत पर किसी के क़दमों की आहट सुनाई दी। माता जब छत पर पहुंचीं तो उन्होंने श्रुतकीर्ति टहल रही थीं। श्रुतकीर्ति माता सीता की सबसे छोटी बहन और शत्रुघ्न की पत्नी थीं। माता कौशल्या ने उनसे पूछा कि तुम इस वक़्त यहां हो, शत्रुघ्न कहाँ हैं? माता कौशल्या की बातें सुनकर श्रुतकीर्ति की आंखों से आंसू गिरने लगे। उन्होंने कहा कि मैंने तो तेरह वर्षों से उन्हें देखा ही नहीं है।

महल में चैन कहां हैं?

माता ने तुरंत पालकी मंगवाई और पूरे नगर में शत्रुघ्न को ढूंढने के लिए निकल गईं। माता कौशल्या ने देखा कि भरत एक कुटिया में रुके हुए थे। इधर एक चट्टान के सहारे शत्रुघ्न विश्राम कर रहे थे। माता ने उन्हें जगाकर पूछा कि यहां पर क्या कर रहे हो? शत्रुघ्न ने कहा कि मेरे भाई राम-लक्ष्मण और माता सीता वन में भटक रहे हैं। मेरा एक भाई कुटिया बनाकर महल के बाहर रह रहा है तो मैं कैसे वहाँ रहूँगा। विधाता सारा सुख मेरे लिए और दुःख मेरे भाइयों के लिए छोड़ रखा है। अपने भाइयों के बिना मुझे महल में चैन कहा से आ सकता है।

 

 

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