नई दिल्ली. भादो मास के तृतीया महीने को कजरी तीज का त्योहार मनाया जाता है. इस साल 18 अगस्त को कजरी तीज मनाई जाएगी. हिंदू धर्म के अनुसार, कजरी तीज के दिन सुहागन महिलाओं को उनकी पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है, साथ ही कुंवारी लड़कियों को जल्द ही अच्छे वर मिलने का आशिर्वाद प्राप्त होता है. कहा जाता है कि इस दिन संयुक्त रूप से शिव भगवान और पार्वती माता की सच्चे दिल से उपासना करनी चाहिए. इससे कुंवारी कन्याओं को अच्छा जीवनसाथी मिलता है और सदा सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है.
कजरी तीज का जल्द विवाह से क्या है संबंध?
कजरी तीज को लेकर मान्यता है कि इस दिन मां पार्वती ने शिव जी को अपनी कठोर तपस्या के बाद प्राप्त किया था. मान्यता है कि कजरी तीज के मौके पर विशेष रूप से गौरी की पूजा करें. व्यक्ति की कुंडली में चाहे कितने ही बाधक क्यों न हों, इस दिन पूजा से नष्ट किए जा सकते हैं. लेकिन इसका फायदा तभी होगा जब कोई अविवाहिता इस उपाय को खुद करे.
कजरी तीज पर कैसे करें पूजा
कजरी तीज के मौके पर महिलाएं उपवास जरूर रखें, साथ ही उस दिन सजे संवरे, श्रंगार करें. चूड़ियां पहने और मेहंदी का इस्तेमाल करें. कजरी तीज के मौके पर शाम के समय भोलेनाथ शिव शंकर भगवान के मंदिर जाकर शिव जी और माता पार्वती की उपासना करें. इस दौरान देसी घी का बड़ा दीपक जलाएं और संभव हो सके तो शिव भगवान और मां पार्वती के मंत्रों का जाप करें. पूजा खत्म होने के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करें और उनका आशिर्वाद लें. कजरी तीज के मौके पर सफेद और काले रंग के कपड़ों को इस्तेमाल करने से खासतौर पर बचें. अगर हो सके तो हरा या लाल रंग के वस्त्र ही पहनें.
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