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Kanya Pujan : जानें नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्व और विधि

नई दिल्ली : चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से शुरू हो चुकी है. इस दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जाती है, और नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने के बाद कन्या पूजन की परंपरा है. इसके साथ जो लोग 9 दिनों का व्रत रखते हैं उन्हें अपने […]

Kanya Pujan
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  • Last Updated: April 12, 2024 13:58:44 IST

नई दिल्ली : चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से शुरू हो चुकी है. इस दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जाती है, और नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने के बाद कन्या पूजन की परंपरा है. इसके साथ जो लोग 9 दिनों का व्रत रखते हैं उन्हें अपने घर पर ही कन्या पूजन करना चाहिए, माना जाता है कि लड़किया माँ दुर्गा का रूप होती हैं. कन्या पूजन से भी व्रत का फल मिलता है, घर में सुख-शांति भी बनी रहती है.

Navratri Kanya Puja Vidhi

i Kanya Puja

नवरात्रि के बाद सभी भक्त कन्या पूजन करके मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते है. देवी भागवत पुराण के मुताबिक जब देवराज इंद्र ने भगवान ब्रह्मा से देवी भगवती को प्रसन्न करने की विधि पूछी, तो उन्होंने कुंवारी कन्याओं की पूजा करना सबसे अच्छा तरीका बताया, और तब से लेकर आज तक कन्या पूजन होता आ रहा है. तो आइए जानते है कन्या पूजन की विधि और महत्व के बारे में…..

कन्या पूजन का महत्व

पंचांग के मुताबिक इस साल अष्टमी 16 अप्रैल और महानवमी 17 अप्रैल को पड़ रही है, तो आप इस दिन अपने घर कन्या पूजन कर सकते हैं. बता दें कि हिंदू धर्म में कन्या पूजन का महत्व बेहद खास है. ये ना केवल नवरात्रि में ही बल्कि किसी भी शुभ कार्य के पूर्ण होने के बाद भी हमेशा कन्या पूजन किया जाता है. माना जाता है कि नवरात्रि में उपवास रखने के बाद कन्या पूजन करने से माता रानी बहुत प्रसन्न होती है, और आपको सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद मिलता है. इसके अलावा कन्या पूजन करने से कुंडली में 9 ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है, जिससे आपके परिवार के सभी सदस्यों की तरक्की भी होती है.

Kanya Pujan importance and puja vidhi

importance and puja vidhi

कन्या पूजन की विधि

दरअसल कन्या पूजन करने से पहले सभी कन्याओं को प्यार से आमंत्रित करना चाहिए,और कन्याओं के घर में प्रवेश होने पर पूरे परिवार के साथ उनका स्वागत करें, और घर में कन्याओं को स्वच्छ स्थान पर बिठाकर उनके पैर को धोएं. सभी देवी स्वरूप कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम लगाना चाहिए, इसके अलावा मां भगवती का ध्यान करके उन्हें भोजन कराएं और फिर अंत में उन्हें कोई उपहार या पैसे दें. फिर अंत में कन्याओं के जाते समय पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें और देवी मां को ध्यान करते हुए भूल की क्षमा मांगें.

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